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206/ जैन समाज का वृहद इतिहाम
श्री सोहनलाल सोगानी
श्री साँगानी अपने समय के प्रतिष्ठित समाजसेवी थे । श्री दि. जैन अ.क्षेत्र श्री महावीर जी के यशस्वी मंत्री रहे तथा क्षेत्र की उल्लेखनीय सेवा की भी। नगपुर की विभिन्न संगाओंगोलों तक जसे रहे। जनका जन्म 5 जुलाई सन् 1911 को तथा निधन 20 जुलाई, 1979 को हुआ ।
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श्री सुरज्ञानीचंद लुहाड़िया
न्यायतीर्थ की उपाधि से अलंकृत एवं पं.चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ के प्रमुख शिष्य .. के रूप में प्रसिद्ध श्री सुरज्ञानीचंद जी लुहाड़िया का सामाजिक एवं विद्वत जात दोनों में समान । आदर रहा।।4 जून 1924 को जन्मे आपने जयपुर की अनेक संस्थाओं के संचालन में योग दिया। इसमें दि. जैन आ. संस्कृत कालेज, दि. जैन औषधालय, दि. जैन अ. क्षेत्र पदमपुरा, राजस्थान जैन सभा,राजस्थान जैन साहित्य परिषद के नाम विशेषत: उल्लेखनीय हैं। भगवान महावीर का 2500 वां परिनिर्वाण महोत्सव में आपने अपने आपको समर्पित रखा तथा यशस्वी कार्य किया । दि.जैन महासमिति के भी वे सक्रिय कार्यकर्ता रहे । लुहाडिया जी समाज में सेवा की प्रतिभर्ति बन गये । प्रस्तत इतिहास के लेखक को इनके साथ वर्षों तक रहने का सौभाग्य मिला तथा वे परमपिन थे। स्वभाव से विनीत, सौम्य एवं सरल परिणामी थे । जून, 1-
10 में एक सामान्य बीमारी से आपका निधन हो गया।
श्री रामचन्द्र कोठ्यारी भौंसा
श्री कोठ्यारी जी जयपुर जैन समाज के स्तम्भ थे। उनका समस्त जीवन मुनि भक्ति, पूजा पाठ एवं व्रत उपन्यासों में व्यतीत हुआ । जयपुर की प्राय: सभी संस्थाओं से वे जुड़े रहे । आचार्य वीरसागर जी शिवसागर जी, धर्मसागर जी,महावीर कीर्ति जी, देश भूषणजी आदि सभी आचार्यों को आपने खूब सेवा की थी। वे पंडित थे। जयपुर के छोटे दीवान जी के मंदिर में उन्होंने वर्षों तक शास्त्र प्रवचन किया । दो प्रतिमा के धारी थे । प्रतिदिन पूजा प्रश्नाल करने का नियम उन्होंने युवावस्था में ही ले लिया था। शांतिवीर नागर श्री महावीर जी में आयोजित पंचकल्याणक में वे भगवान के माता-पिता बने थे। आचार्य वीर सागर जी के संघ को उन्होंने सम्मेदशिखर तक की यात्रा करवायी थी।
कोठ्यारी जी ने तीन विवाह किये । सन् 1939 में तीसरा विवाह किया । श्रीमती रतनदेवी धार्मिक संस्कारों की महिला हैं। आपके 6 पुत्र एवं चार पुत्रियाँ हैं । आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री प्रकाश चन्द्र कोठ्यारी भी सामाजिक व्यक्ति हैं । श्री रामचन्द्र कोठ्यारी के निधन से समाज की एक अपूरणीय क्षति हुई है।