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174/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
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विशेष : आपकी माताजी सप्तम् प्रतिमाधारी थी । आपकी पुत्री ताराबाई ने सन् 1987 में दशलक्षण के उपवास किये थे। पाण्ड्या जी शान्त परिणामी तथा समाजिक कार्यों में रुचि लेने वाले हैं।
पता : कोपीको सेन्टर, ए.टी. रोड, तिनसुकिया (आसाम) श्री शिखरी लाल जैन बड़जात्या (नागौर पाले)
जम्पनिश्चि : आसोज सुदी 15 सं.1978 शिक्षा : सामान्य व्यवसाय : जूट के व्यापारी
माता-पिता : स्व.ज्ञानीलाल जी बड़जात्या सं.2009 में 61 वर्ष की आयु में स्वर्गवास । ___माता - स्व.हुलाशी देवी सं.2011 में स्वर्गवास ।
विवाह : सं. 1994 में श्रीमती शान्ति देवी के साथ विवाह सम्पन हुआ।
सन्तान : पुत्र-2 टीकमचन्द,आयु - 41 वर्ष,पत्नी श्रीमती शान्ताबाई । दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं । सुशील कुमार,आयु • 35 वर्ष, पत्नी श्रीमती सुशीला देवी । 3 पुत्र एवं 3 पुत्री।
पुत्री - एक अंजना देवो पाटनी
विशेष : आपके बड़े पिताजी जी दीपचन्द जी ब्रह्मचारी थे । आपको धूबड़ी इन्द्रध्वज विधान में इन्द्र इन्द्राणी तथा सिद्ध चक्र विधान कलकत्ता में भी इन्द्र इन्द्राणी पद से सुशोभित किया। इसी तरह दिनहटा में आयोजित सिद्ध चक्र विधान में इन्द्र इन्द्राणी बने थे। नागौर में श्रीपदमप्रभू एवं पार्श्वनाथ जी में एवं पावापर जी में श्री महावीर स्वामी की प्रतिमा विराजमान की थी। श्री शान्तिनाथ जो एवं पदमप्रभु स्वामी की मूर्ति भी वेदी का निर्माण नागौर में करवाकर विराजमान की थी। दोनों पति-पत्नी के शुद्ध खान-पान का 32 वर्ष से नियम है, मुनिभक्त हैं,साधुओं को आहार देने में रुचि लेते हैं। आर्यिका श्री सुपार्श्वमती माताजी गृहस्थ जीवन में आपके परिवार की सदस्या थी । दिनहटा में भी श्री मन्दिर में श्री शान्ति नाथ जी की मूर्ति विराजमान की थी।
पता : नूनिया पट्टी धूबड़ी (आसाम) श्री सन्तोष कुमार पाटनी
आयु : 35 वर्ष शिक्षा : हायर सेकेण्डरी
पिता :श्री रामदेव जी पाटनी
सन्तोष कुमार एवं कनकलता पाटनी