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118/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
सामाजिक क्षेत्र:
श्रीमती लाडा देवी का सामाजिक क्षेत्र में भी बहुत योगदान रहता है । डीमापुर के जैन भवन एवं जैन हॉस्पिटल में कमरे का निर्माण,डीपापुर मंदिर में संगमरमर फर्श का निर्माण,खण्डेला मन्दिर में फर्श का कार्य,डीमापुर में कीर्ति-स्तम्भ की नींव रखना, डीमापुर के रेल्वे स्कूल,रामकिशन स्कूल एवं गवर्नमेन्ट कॉलेज में एक-एक कमरे का निर्माण करवाकर अपनी जनोपयोगी प्रवृत्ति का परिचय दिया।
आप मूडबिद्री दि. जैन मठ, जैन गजट साप्ताहिक,महासभा प्रकाशन विभाग सभी की संरक्षिका हैं,जैन तीर्थ जीर्णोद्धार समिति की सदस्या, महावीर पंथ अकादमी की सदस्या एवं जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान की संरक्षिका हैं।
सम्मान:
श्रीमती लाडा देवी को कितनी ही संस्थाओं से सम्मानित किया जा चुका है। गौहाटी में महासभा के 93वें वार्षिक अधिवेशन पर प्रकाशन विभाग की ओर से विशेष सम्मान पदक देकर सम्मानित किया गया ।
सन्तान:
लाडा देवी पांच पुत्र एवं 6 पुत्रियों की जननी हैं। सभी पुत्र एई पुत्रियां मां के प्रति गहरी श्रद्धा रखती हैं । मां के संकेतों पर पूरा परिवार चलता है तथा पूरा परिवार उन की सेवा में तत्पर रहता है ।
कलकत्ता में जैन संस्कृति संसद् एवं जैन साहित्य प्रकाशन समिति एवं दिल्ली में अहिंसा इन्टरनेशनल द्वारा आपका अभिनन्दन किया जा चुका है।
अभी आपने चारों दान के लिये लाडा देवी प्रथमाला, फूलचन्द सेठी स्मृति शिक्षा विकास कोष, फूलचन्द सेठी स्मृति जीर्णोद्धार कोष,निर्मथ सेवा समिति एवं जीव दया समिति की स्थापना की है।
1. श्री रामचन्द्र सेठी: सबसे बड़े पुत्र हैं । उनका जन्म सन् 1938 में हुआ। मैट्रिक तक अध्ययन करने के पश्चात् सन् 1959 में श्रीमती किरण देवी के साथ विवाह बन्धन में बंध गये । चार पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। सबसे बड़े पुत्र आशीष ने बी कॉम.कर लिया है। अरुण, अशोक एवं अजय व्यापार कर रहे हैं । दो पुत्रियों में अनिता का विवाह हो चुका है।
रामचन्द्र सेठी चैम्बर ऑफ कॉमर्स डीमापुर के ट्रस्टी एवं कार्यकारिणी सदस्य हैं। पी एण्ड टी. एडवाइजरी बोर्ड नागालैण्ड के सदस्य रहे हैं। संस्थाओं को आर्थिक सहयोग देने में उदार, सरल स्वभाव वाले एवं सेठी परिवार के प्रमुख हैं । छापडा विकास समिति के सदस्य