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122/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री सोहनलाल बगड़ा
श्री बगड़ा जी वर्तमान में 70 वर्ष के हैं । आपने सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् व्यावसायिक क्षेत्र में पदार्पण किया। आपके पिता श्री जवरीलाल जी बगडा एवं माता श्री केशर देवी दोनों का स्वर्गवास हो चुका है।
आपका विवाह श्रीमती राजुल देवी के साथ फाल्गुन सुदी ? संवत् 1992 को सम्पन्न हुआ। आपके एक मात्र पुत्र महावीर प्रसाद का जन्म सन् 1962 में हुआ । उनका विवाह हो
चुका है,पत्नी का नाम अनिता देवी है दो पुत्रियां हैं । आपकी पुत्री सरिता का विवाह भी भूरी गांव (आसाम) में श्री सुभाष चन्द्र जी सेठी के साथ हो चुका है।
विशेष : श्री बगड़ा जी ने तीन बार तीर्थ यात्रा संघ चलाया और स्वयं उसके दो बार संघपति बने। यह यात्रा संघ दो बार बस द्वारा बिहार के तीर्थों के लिये तथा एक बार रेल द्वारा श्रवणबेलगोला के लिये निकाली गयी।
,आपके शुद्ध खान-पान का नियम है । कट्टर मुनिभक्त एवं आर्ष परम्परा के अनुयायो
हैं । अणुव्रतधारी हैं । परिग्रह परिमाण व्रत लिया हुआ है। राजुल देवी धर्मपत्नी सोहनलालजी
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बगड़ा
पता :सोहनलाल महावीर प्रसाद बगडा,विजय नगर (कामरूप) आसाम ।
श्री सोहनलाल बाकलीवाल
आपका जन्म जून 1939 में हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् आपने बिड़ला कॉलेज पिलानी से एम.कॉम.करके व्यावसायिक क्षेत्र में पदार्पण किया । हीमापुर आने के पहले लालगढ से डिबूगढ फिर जोरहाट और वहां से डीमापुर आकर बस गये । आपके पिता श्री कंवरीलाल जी का स्वर्गवास 2 अप्रैल,1974 को 57 वर्ष की आयु में डिबूगढ़ में हुआ । सन् 1979 में माताजी श्रीमती अंगूरी देवी का स्वर्गवास हो गया । आपका विवाह पद्मश्री धर्मचन्द जी पाटनी की बहन कंचन देवी के साथ सन् 1956 में बडे ठाट-बाट के साथ हुआ। श्रीमती कंचन देवी ने मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की है । आपको तीन पुत्रियों का पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। तीनों ही पुत्रियों का विवाह हो चुका है । प्रथम पुत्री मीना का विवाह गणेशमल मोहनलाल के श्री दिलीप कुमार के माथ, द्वितीय पुत्री मधु का विवाह सरावगी मेन्शन जयपुर के विनोद कुमार के साथ एवं तोसरी पुत्री का डीमापुर के ही श्री संजय कुमार सुपुत्र श्री दुलीचन्द जो विनायक्या के साथ हुआ।
विशेष : बाकलीवाल दम्पत्ति को डीमापुर में सन् 1976 में आयोजित सिद्ध-चक्र विधान में इन्द्र-इन्द्राणी बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ। आपकी माताजी अंगूरी देवी एवं पिताजी कंवरीलाल जी ने शान्तिवीर नगर श्री महावीर जी में विशाल