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126/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
माताजी : श्रीमती घेवरी देवी - आयु :82 वर्ष । विवाह : आपका विवाह सन् 1951 में श्रीमती रतन देवी के साथ सम्पन्न हुआ उस समय आप 17 वर्ष के ही थे।
सन्तान : आपके तीन पुत्र एवं एक पुत्री है। सबसे बड़ा पुत्र 33 वर्षीय श्री नरेन्द्र कुमार,एम.कॉम.,एल-एलबी.,एम.बी.ए. है । दूसरा पुत्र प्रदीपकुमार 30 वर्षीय युवा है । बी.कॉम. हैं । तृतीय पुत्र श्री अरूण कुमार 29 वर्षीय युवक है । तीनों भाईयों का विवाह हो चुका है।
विशेष : श्री पाण्ड्या जी गौहाटी समाज में नवयुवकों के नेता हैं । सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में बहुत रुचि लेते हैं। दिगम्बर जैन पंचायत गौहाटी के चार वर्ष तक मंत्री रह चुके हैं । दि.जैन पंचायत महावीर भवन ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं प्रारम्भ से ही जनरल सेकेट्री हैं । कामरूप चैम्बर ऑफ कॉमर्स गौहाटी की कार्यकारिणी सदस्य रह चुके हैं । गौहाटी गौशाला की कार्यकारिणी के मैम्बर हैं। पूज्य सुपार्श्वमतीजो आर्यिका संघ के तीन चातुर्मासों में आप चातुर्मास समिति के महामन्त्री रह चुके हैं। श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा की पूर्वान्चल समिति के कार्याध्यक्ष हैं। सबको साथ लेकर चलने में आप कुशल हैं। तीर्थों को वंदना कर ली है।
आपकी माताजी एवं धर्म-पत्नी दोनों ही बहुत धार्मिक हैं । शुध्द खान-पान का नियम पालती हैं । मुनियों एवं आर्यिका माताजी को आहार आदि से सेवा करती रहती है।
पता- छगनमल सरावगी एन्ड संस फैन्सी बाजार,गौहाटी (आसाम) श्री हीरालाल पाटोदी
जन्मतिथि : 60 वर्ष पूर्व । कुचामन (राज) में जन्म हुआ था। शिक्षा : सामान्य व्यवसाय : गल्ला किरना (थोक एवं खुदरा)
माता-पिता : स्व. श्री किशनलाल जी । 65 वर्ष की आयु में करीब 22 वर्ष पूर्व स्वाविास हुआ। माता स्व. श्रीमती गुलाब बाई। आपका स्वर्गवास पहले हो चुका था।
विवाह : 42 वर्ष पूर्व श्रीमती मोहिनी देवी से आपका विवाह सम्पन्न हुआ।
परिवार : आपके एक पुत्र एवं एक पुत्री है । पुत्र श्री ताराचन्ट 42 वर्षीय हैं । विवाहित हैं । पली का नाम मंजू है । उनके चार पुत्रियां हैं।
आपकी एकमात्र पुर्वी मंजुला का विवाह हो चुका है।
विशेष : श्री पाटोदी जी का जीवन बड़ा व्यस्त रहता है । स्वभाव से आतिथ्य प्रेमी हैं । आपने नया बाजार जैन मन्दिर में तथा ग्राहम बाजार जैन मन्दिर में शान्तिनाथ की पाषाण प्रतिमा विराजमान की थी । आप अधिकांश तीर्थों की वन्दना कर चुके हैं । आपकी धर्मपत्नी भी धर्मपरायणा हैं . दशलक्षण वृत के एक बार उपवास कर चुको है । जम्बूद्वीप हस्तिनापुर में आप एक