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160/ जैन समाज का दृहद् इतिहास
श्री मानमल छाबड़ा
जन्मस्थान : किराडा बड़ा,जिला-श्री गंगानगर (राजस्थान) जन्मतिथि : संवत् 1960 के आषाढ मास में जन्म
माता-पिता : श्री शेरमल जी छाबड़ा,85 वर्ष की आयु में सं. 1993 में स्वर्गवास। . श्रीमती रूपादेवी 80 वर्ष की आयु में सं.1972 में स्वर्गवास ।
शिक्षा प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की। व्यवसाय : गल्ला, किराणा,काडा,ट्रांसपोटेंशन आदि । विवाह : संवत् 1978 में श्रीमती पांची देवी के साथ सम्पन हुआ। धर्मपत्नी का 15 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है।
सन्तान : एक पुत्र एवं पांच पुत्रियां । पुत्र श्री भीखमचन्द का विवाह श्रीमती गुलाब देवी से हुआ जो कि अब 8 पुत्र एवं 4 पुत्रियों के पिता हैं।
संतोष कुमार :42 वर्ष पत्नी - मुनीया ती : एत्र एक ही अशोक कुमार : 36 वर्ष - पत्नी मंजू देवी - 2 पुत्र बाबूलाल :34 वर्ष - पत्नी सरोज देवी - 1 पुत्र,2 पुत्री प्रमोदकुमार : 30 वर्ष - पली स्नेहलता देवी • 2 पुत्री मनोज कुमार : 28 वर्ष - पत्नी सुमन देवी - 1 पुत्री महेन्द्र कुमार,संजयकुमार,हेमन्तकुमार, अविवाहित हैं। ये सभी पढ़ रहे हैं ।
पुत्रियां : सुलोचना देवी,प्रेमलता देवी,सरोज देवी,रानीदेवी सभी विवाहित हैं । तीनों बड़ी पुत्रियों एवं दो पुत्रों बाबूलाल स्व.प्रमोदकुमार दशलक्षणव्रत के 10 उपवास कर चुके हैं।
विशेष : इम्फाल में आपके पिताजी शेरमल जी के भाई सदाराम जी 108 वर्ष पूर्व आकर यहां व्यवसाय करने लगे। उनके पश्चात् शेरमल जी भी यहां आकर रहने लगे। इम्फाल मनीपुर का दि.जैन मंदिर आपके पिताजी श्रीशेरमल जी द्वारा स्थापित किया गया था । आपके पुत्र श्री भीखमचन्द जी ने बारसोई के मंदिर में चन्द्रप्रभु की प्रतिमा स्थापित करने का सौभाग्य प्राप्त किया । किराडा में दि.जैन मंदिर का निर्माण आपके पिताजी एवं उनके परिवार द्वारा कराया गया था । श्रीमती गुलाब देवीजी के शुद्ध जलपान लेने का नियम है । यात्रा प्रेमी हैं ।
पता :शेरमल मानमल जैन, धर्मशाला रोड,शांगल बाजार, इम्फाल (मणिपुर)