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150/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
चम्पापुरी सिद्ध-क्षेत्र पर एक कमरे का निर्माण करवाया,मारवाड़ी आरोग्य भवन पणिपुर में भी एक कमरे का निर्माण करवाया । सुजानगढ की जैन नशियां में शान्तिनाथ स्वामी की धातु की प्रतिमा,सम्मेदशिखर समवशरण में तथा विजय नगर में जैन मंदिर में मूर्तियां विराजपान करवाई।
मणिपुर राज्य के स्कूलों में चलने वाली पुस्तकों पर नोट्स बुक्स के लेखक एवं प्रकाशक ।
आप मूलतः सुजानगढ के हैं लेकिन 70 वर्ष से आपके पिताजी यहां व्यवसायस्त हैं। आपको भी यहां आए 60 वर्ष से भी अधिक समय हो गया है। आपके तीन भाई और हैं अजितकुमार जी,प्रकाशचन्द जी एवं शांतिलाल जी,तीनों ही स्वतंत्र रूप से इम्फाल (मणिपुर) में व्यवसायरत हैं । दो बहिन चम्पा देवी एवं रत्नमाला का विवाह हो चुका है।
पता : पी.सी जैन एण्ड कम्पनी, थांगल बाजार इम्फाल (मनीपुर)
श्री भंवरलाल काला
आयु :65 वर्ष
शिक्षा :सामान्य
आपके पिताश्री बालाबक्श जी का 33 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हुआ था । माताजी श्रीमती एजन देवी की आपको छत्रछाया प्राप्त है।
विवाह :
जब आप 15 वर्ष के थे तभी श्रीमती उमरावदेवी के साथ विवाह हो गया। आपके दो पुत्र एवं पांच पुत्रियां - विमला, सुशीला,हीरामणि, सरोज एवं किरण हैं । सभी का विवाह हो चुका है । दोनों पुत्रों में महावीर प्रसाद ज्येष्ठ पुत्र है । इन्टरमिजियेट हैं । आयु 43 वर्ष तथा पत्नी का नाम श्रीमती लालमणि देवी है । आपके दो पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं। दूसरा छोटा पुत्र भागचन्द बी.ए. है। उनका श्रीमती देवी से विवाह हो चुका है। दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं।
विशेष: महावीर प्रसाद काला
श्री काला जी का सामाजिक कार्यों में पूर्ण सहयोग रहता है । अडकसर के मंदिर निर्माण
में आपने पूर्ण सहयोग दिया था। आपके शुद्ध खान-पान का नियम है । मुनिभक्त हैं तथा मुनियों को आहार देने में रुचि रखते हैं। सभी तीर्थों की वन्दना कर चुके हैं। पता : (1) सरावगी ब्रदर्स,स्टेशन रोड,डीमापुर (नागालैण्ड)
(2) भंवरलाल छाबड़ा, मु.पो.- अडकसर,नागौर (राज) वाया कूकनवाली - 340 519