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96 / जैन समाज का बृहद् इतिहास
श्री जयचन्द लाल पाटनी
जन्मतिथि :- आसोज सुदी 10 संवत् 1981 | आपका जन्म विजयादशमी के शुभ दिन हुआ ।
शिक्षा :- अजमेर बोर्ड से आपने मैट्रिक किया ।
• टी.वी. डिस्ट्रीब्यूटर्स एवं सप्लायर्स ।
व्यवसाय :
माता-पिता- पिता श्री लालचन्द जी पाटनी, 84 वर्ष की आयु में 14 वर्ष पूर्व आपका स्वर्गवास हुआ था। माताजी श्रीमती मलखू देवी का स्वर्गवास भी उसी वर्ष हुआ। आपकी आयु 82 वर्ष की थी।
विवाह: सन् 1947 में आपका विवाह श्रीमती पतासीदेवी के साथ संपन्न हुआ ।
सन्तान :- आपके चार पुत्र हैं। सभी उच्च शिक्षित हैं तथा विवाहित हैं। सबसे बड़े पुत्र महीपाल पाटनी सी. ए. हैं। 38 वर्षीय हैं। पत्नी कुसुमदेवी दो पुत्र एवं दो पुत्रियों की माता है। दूसरे पुत्र सुरेश कुमार बी.कॉम है। सरोज देवी धर्मपत्नी है। तीन पुत्रियां एवं एक पुत्र के माता-पिता हैं।
तीसरा पुत्र सुभाष 33 वर्षीय है। बो.कॉम. हैं। लक्ष्मीदेवी पत्नी है, दो पुत्र एवं एक पुत्र की जननी है। चतुर्थ पुत्र पवनकुमार भी बी.कॉम. है । 32 वर्ष के युवा हैं। पत्नी का नाम शोभना है। दो पर एवं एक पत्री है।
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विशेष : पाटनी जी सामाजिक एवं धार्मिक स्वभाव के मिलनसार, आतिथ्य प्रेमी एवं सरल स्वभावी हैं। समय-समय पर धार्मिक कार्यों में उत्साह से भाग लेते हैं। नलबाड़ी एवं भावनगर (सौराष्ट्र) के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में इन्द्र के पद से सुशोभित हो चुके हैं। 13 वर्ष पूर्व तेजपुर में सिद्धचक्र मंडल विधान करवाकर अपार पुण्य अर्जन कर चुके हैं। आपके माता-पिता मुनियों को आहार एवं उनकी सेवा में लगे रहते थे। वर्तमान में आप दि. जैन समाज गौहाटी के उपाध्यक्ष, महावीर भवन ट्रस्ट गौहाटी के उपाध्यक्ष एवं दि. जैन विद्यालय के संयुक्त मंत्री हैं। लायन्स क्लब गौहाटी के संस्थापक सदस्य हैं। स्वयं पूरे यूरोप का 1991 में भ्रमण कर चुके हैं। आपके सुपुत्र सुरेश एवं सुभाष दक्षिण पूर्व एशिया का भ्रमण कर चुके हैं। सभी जैन तीर्थों की दो बार वंदना कर चुके हैं।
पता - मैं. ईस्टर्न इलेक्ट्रोनिक एवं इक्विपमेन्ट, महावीर भवन, एटी. रोड़, गौहाटी (आसाम)
श्री जयचन्द लाल पाटनी जैन
पिता :- स्व. सूरजमल जी पाटनी, 80 वर्ष की आयु में 26 वर्ष पूर्व स्वर्गवास ।
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माता :- स्व. घेवरी बाई, 15 वर्ष पूर्व 68 वर्ष की आयु में स्वर्गवास । जन्मतिथि :- फाल्गुण सुदी 14 संवत् 1981 डिब्रूगढ़ (आसाम में) शिक्षा : सामान्य, आसामी, हिन्दी दोनों ही बोलचाल की भाषा हैं।