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1021 जैन समाज का बृहद् इतिहास
3. आलोक कुमार - आयु 20 वर्ष अध्ययनरत । पुत्री -1, चित्रा-श्रीहरकचंद जी पाण्ड्या के सुपुत्र विमलकुमार जी से विवाहित ।
विशेष : राष्ट्रपति द्वारा 24 मार्च 1984 को “पद्म श्री" की मानद उपाधि से सम्मानित । आप जैन समाज के सम्भवतः प्रथम व्यक्ति हैं जिनको भारत सरकार ने पद्मश्री की उपाधि से विभषित किया है। आपकी सामाजिक सेवाओं के उपलक्ष में "समाज रल" की उपाधि से विभूपित किया गया।
मणिपुर के व्यावसायिक समुदाय की ओर से, जनवरी 1991 में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और संसद में विरोधी दल के नेता श्री लालकृष्ण आडवाणो जी ने स्वर्ण पदक स्व. कस्तूरी चन्द गटनी प्रदान कर सम्मानित किया।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स मेडिकल सेन्टर आपके ही प्रयासों का परिणाम है । ऐसा मेडिकल सेन्टर पूरे उत्तर-पूर्वी भारत में नहीं है। इस अस्पताल में आधुनिक यन्त्र लगाये गये हैं।
धार्मिक : वेरी के मन्दिर में मूर्ति विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया । आपकी माता जी के शुद्ध भोजन करने का नियम है । वे मुनियों को आहार आदि देती रहती हैं । भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के उपाध्यक्ष,स्ट फण्ड के सदस्य हैं ।
सापाजिक : ऐसोसियेट मणिपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पिछले 15 वर्षों से आप सर्वसम्मति से अध्यक्ष हैं। ऐसोसियेटेष्ठ मणिपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स मेडिकल केयर एण्ड रिसर्च सेन्टर के भी आप इसकी स्थापना से ही अध्यक्ष हैं. पूर्वोत्तर प्रदेशीय मारवाडी सम्मेलन के भी अध्यक्ष हैं । डिबूगढ़ सम्मेलन में आपको सम्मानित किया गया था। लायन्स क्लब 322, डी जैन के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर । पाटनी जी पूर्वान्चल प्रदेश के युवा समाज सेवी एवं अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति हैं । पणिपुर प्रदेश की अनेक संस्थाओं के आप सक्रिय कार्यकर्ता एवं नेता हैं 1 भारत सरकार ने आपको Direct Taxes Advistry Committee for North East Region Public Gricvance Cell of Customs and Central Excise for Nyrth East Region का सदस्य मनोनीत किया है।
मणिपुर के सबसे अधिक लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध व्यक्ति एवं कस्तूरी चन्द जी पाटनी के पौत्र हैं जिन्हें इम्फाल (मणिपुर) में आये 10 वर्ष से भी अधिक समय हो गया। सबसे पहले श्री कालूराम जी पाटनी पिताश्री कस्तूरीचन्द जी ने बेरी,पिलानी से यहां आकर अपना व्यवसाय प्रारम्भ किया था ।
___ पता : कस्तूरीचन्द जौहरीमल,थांगल बाजार, इम्फाल (मणिपुर) श्री पन्नालाल सेठी
आपका जन्म 3 अक्टूबर, 1948 में झुंझुनू (राजस्थान)जिले में स्थित छापड़ा ग्राम में हुआ था । आप स्व.श्री कन्हैयालाल जी सेठी के ज्येष्ठ पुत्र है । शिशुकाल में ही आपके धार्मिक संस्कार प्रवल बन गये थे ! जब कभी माता-पिता के साथ मुनियों के दर्शन करने जाते तो उनके चरणों में लिपट जाते । जब आप केवल 17 वर्ष के थे तभी आपका विवाह श्रीमती सरिता के साथ हो गया। सरिता भी धर्मसरिता के रूप में प्राप्त हुई । आप दोनों को तीन पुत्र संजय, राजेश एवं रवि और एक पुत्री ललिता के