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पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /103 माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पिताजी की मृत्यु के पश्चात् आपने साधुओं की भक्ति में अपने आपको समर्पित कर दिया। आप श्री दिग. जैन महासभा के बैय्यावृत्त विभाग के मन्त्री हैं ।
एक बार सुपार्श्व सागर जी महाराज, चार नार आर्यिका स्पार्श्वमनी जी माताजी तीन बार आर्यिका ज्ञानमती माताजी और आचार्य श्री विमल सागर जी महाराज के सन् 1978 से अब तक के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में गत 13 वर्षों से आप साधर्मी भाई-बहिनों को प्रीति भोज देते आ रहे हैं। आचार्य श्री का आपको पूर्ण आर्शीवाद है।
आपने डीमापुर में गृह चैत्यालय का निर्माण कराया और उसमें चन्द्रप्रभु तीर्थंकर की प्रतिमा विराजमान की डीमापुर में ही जैन भवन, जैन स्कूल एवं जैन हॉस्पिटल में एक-एक कक्ष बनवाया। राजगृह में सरस्वती भवन के नीचे का हाल बनवाया । शिखर जी के समवशरण में वेदी का निर्माण कराया। सोनागिरी में अनंग कुमार मुनिराज की मूर्ति विराजमान की । दुर्गा मंदिर डीमापुर में हॉल का निर्माण कराया । पद्मपुरा क्षेत्र (जयपुर) पर एक फ्लैट, लूणवा की दोनों वेदियों में कांच के किवाड़, कोथली में एक कमरा, भागलपुर में मन्दिर में एक हाल, पावापुरी में एक कमरा, टिकैत नगर के जैन स्कूल में एक कमरा, छपड़ा गांव के एक स्कूल में एक कमरा, सागर विद्यालय में एक कमरा तथा महामस्तकाभिषेक के समय प्रथम बोली लेकर पुष्पवृष्टि करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
आपने अपने सभी भाईयों को उच्च शिक्षा प्राप्त कराकर अनेक महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिष्ठित किया। इनमें दो अधिवक्ता, एक सर्जन, एक सामाजिक कार्यकर्ता तथा एक व्यवसायी है।
श्री चांदमल सेठी
स्व. कन्हैयालाल सेठी के द्वितीय पुत्र चांदमल जी सेठी का जन्म डीमापुर (नागालैण्ड) में दि. 20.11.1950 में हुआ। आपने सन् 1971 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दि. 25.02.1972 में शशिप्रभा के साथ विवाह सूत्र में बंध गये । आपको दो पुत्र कमलेश, पंकज तथा दो पुत्रियां चन्द्रप्रभा और नमिता के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आप भी समाज सेवा में गहरी रुचि रखते हैं। आप चुनाव जीतकर तीन वर्ष तक डीमापुर टाऊन कमेटी के चेयरमैन रहे हैं। आप चैम्बर ऑफ कॉमर्स डीमापुर के कार्यकारी सदस्य हैं तथा वर्तमान में जैन हाईस्कूल के मन्त्री हैं।
श्री सोहनलाल सेठी
आपका जन्म मंगसिर सुदी 5, सं. 2009 में डीमापुर (नागालैण्ड) में हुआ। आप आ. श्री विमलसागर जी महाराज एवं श्री 108 आ. विद्यासागर जी महाराज के अनन्य भक्त हैं। सन् 1974 में बी. कॉम. ( आनर्स), 1976 में एम. कॉम. 1977 में एल.एल.बी. और प्राकृतिक चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त कर आपने समाज सेवा में उतरने का संकल्प किया।
आपने ज्येष्ठ भ्राता श्री पन्नालाल जी से मिलता-जुलता स्वभाव, मिलनसार एवं आतिथ्य प्रियता प्राप्त की । सोहनलाल जी का विवाह 20 फरवरी 1977 में लालगोला निवासी श्री चिरंजीलाल छाबड़ा की पुत्री प्रेमलता देवी के साथ हुआ। तीन पुत्र हेमन्त जयन्त एवं विकास और पुत्री अनामिका के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । व्यवसाय में आयकर और बिक्री कर के अधिवक्ता हैं। सेठी प्रिन्टर्स को भी संभालते हैं। आपकी धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों के करने की तीव्र उत्कण्ठा रहा करती हैं। अ.भा. स्याद्वाद शिक्षण परिषद् पार्श्वमंडल डीमापुर के मन्त्री, अ.भा. दयानंद विद्या निकेतन के भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम डीमापुर के मन्त्री, सोनागिर के मन्त्री, कार्यकारी सदस्य, नागालैण्ड कांग्रेस यूथ (आई) के कोषाध्यक्ष हैं। डीमापुर दिग.