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100/ जैन समाज का वृहद इतिहास
इस प्रकार श्री पाटनी का जीवन सामाजिक सेवाओं से ओत-प्रोत है। इससे आपकी कार्यशैली का पता चलता है। मणिपुर स्टेट में ऐसा कोई कार्य नहीं होता जिसमें आपका किसी न किसी रूप में सहयोग नहीं मिलता है। श्री दानमल सौगानी
जन्म : संवत् 1981, स्थान-सुजानगढ़।
शिक्षा : सामान्य - मिडिल कक्षा तक ।
माता-पिता : स्व.श्री नारायण मल जी सौगानी आपका 18 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हुआ। माताजी श्रीमती हरकीदेवी का करीब 45 वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हो गया था। उस समय आप केवल 22 वर्ष के थे।
व्यवसाय : पेट्रोलियम, प्रोडक्शन (पैट्रोल, डीजल, मोबिल ऑयल) आदि के थोक विक्रेता।
विचार : संवत् 1080 अक विपकमरा देवी के साथ सम्पत्र हुआ। आप दोनों को पांच पुत्र एवं चार पुत्रियों के माता-पिता होने का सौभाग्य प्राप्त है। लेकिन प्रथम पुत्री श्रीमती तारादेवी का स्वर्गवास हो चुका है। शेष तीनों हीरादेवी, मैनादेवी, मंजूदेवी का विवाह हो चुका है।
1. सबसे बड़े पुत्र सम्पतलाल 44 वर्षीय हैं । उनकी मैनादेवी धर्मपत्नी है । एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं । 2. द्वितीय पुत्र श्रीपाल सोगानी 8 वर्षीय हैं । श्रीमती मंजूदेवी उनकी धर्मपली हैं आपके एक पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। 3. तृतीय पुत्र श्री लक्ष्मीनारायण 36 वर्षीय युवा है । श्रीमती ऊषादेवी उनकी धर्मपत्नी हैं | उनको दो पुत्र एवं एक पुत्री
प्राप्त है । आपके चतुर्थ पुत्र प्रसत्रकुमार 23 वर्षीय युवा है,श्रीमती अलकादेवी धर्मपत्नी हैं। आपके एक पुत्र है । पंचम पुत्र मनोजकुमार 20 वर्ष के हैं तथा बी कॉम.में पढ़ रहे हैं।
विशेष : सौगानी जी सन् 1943 में गौहाटी आये । यहां आने के पश्चात् उन्होंने 30 वर्ष तक सर्विस की उसके पश्चात् अपना कारोबार किया जो 18 वर्ष से चल रहा है | श्री सौगानी जी धार्मिक एवं सामाजिक व्यक्ति हैं। आप सुजानगढ़ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में इन्द्र के पद को सुशोभित कर चुके हैं। नशियां सुजानगढ़ में समवशरण वेदी आपके द्वारा बनवाई हुई है तथा चन्द्रप्रभु स्वामी की चारों प्रतिमायें एवं चौबीसी में आदिनाथ स्वामी की प्रतिमा भी आपके द्वारा विराजमान की हुई है। आपने देश की दो बार तीर्थ वंदना सपरिवार की है। आचार्य धर्मसागर जी महाराज से आपने शुद्ध खान-पान का नियम लिया था । कट्टर मुनिभक्त हैं तथा आहार आदि देते रहते हैं । सात बार दशलक्षण खत के उपवास कर चुके हैं | आपकी पत्नी धर्मपरायणा तथा मुनिभक्त हैं उनको भी शुद्ध खान-पान का नियम है,सभी धार्मिक कार्यों में साथ रहती हैं।
दि.जैन महासभा के आजीवन सदस्य हैं । महासभा के ध्रुव फंण्ड ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं । सम्यकज्ञान एवं वीतराग वाणी के आजीवन सदस्य है। आपका पैट्रोल पम्प गौहाटी से 30 कि.मी. बाईरूट चारली एनएच-37 पर है |
पता : दानमल सौगानी एण्ड सन्स,फैन्सी बाजार,गौहाटी (आसाम)