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90/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
श्री रतनलाल जी महासभा के स्थायी सदस्य हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती भागमती देवी अत्यधित धर्मपरायणा है। बत उपवास करती रहती हैं। प्रतिदिन एक बार ही भोजन करती हैं। आपके पिताजी श्री नन्दलाल जी एवं माताजी श्रीमती विद्यावती देवी दोनों ही पंचम प्रतिमाघारी थे। भागमती जी दशलक्षण व्रत आष्टाहिका आदि के कितनों ही बार उपवास कर चुकी हैं।
श्री इन्द्रचन्द जी इन्दौरवा (कुचामन, राज) के मूल निवासी हैं। वहां पर वेदो प्रतिष्ठा करवाकर मेला भरवाया था जिसका पूरा खर्चा आपके परिवार ने दहन किया था। नलबाडी पंचकल्याणक में आदिनाथ अजितनाथ भगवान की मूर्तियां विराजमान की थी 1 आपके शुद्ध खान-पान का नियम है। आहार देने में पूर्ण रुचि रखते हैं। प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं। आपने सभी तीर्थों की वन्दना कर ली है। आपके सभी पांचों पुत्र धार्मिक स्वभाव के हैं तथा आज्ञाकी हैं! श्री कल्याणमल बाकलीवाल
जन्मतिथि - आषाढ़ बुदी 9 संवत् 1979 शिवा : प्राइमरी तक
पिताजी : श्री छिगनलाल जी - आपका स्वर्गवास 40 वर्ष की आयु में ही हो गया था। स्वावास को करीब 60 वर्ष : .. हो गये।
माताजी : श्रीमती घेवरी देवी · 85 वर्ष की आयु में 15 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया ।
कल्याणपल एवं मोहनी देवी बाकलीवाल विवाह : सं. 2004 में श्रीमती मोहनी देवी के साथ आपका विवाह सम्पन्न हुआ।
सन्तान : आपके तीन पुत्र एवं पांच पुत्रियां हैं। सबसे बड़े पुत्र श्री धर्मबन्द का विवाह हो चुका है। उनकी पत्नी का नाम सुनीता है। शेष दोनों पुत्र कमल कुमार एवं अजित कुमार पढ़ रहे हैं। पांच पुत्रियों में पुष्पा एवं सरोज का विवाह हो चुका है। वीना, सुमन एवं अनिता तीनों पढ़ रही हैं।
विशेष : श्री बाकलीवाल जी मूल निवासी करड तहसील (दातारामगढ़ राज) के हैं। 45 वर्ष पूर्व इम्फाल में आकर व्यवसाय करने लगे और फिर यहीं के हो गये। आपकी धर्मपली धार्मिक प्रकृति की हैं। आष्टाहिका में आठ उपवास कर चुकी हैं। शुद्ध खान-पान का नियम है। मुनियों को आहार देती रहती हैं। तीर्थ यात्रा में दोनों की ही रुचि है। बाकलीवाल जी दि जैन मन्दिर इम्फाल की कार्यकारिणी के सदस्य हैं तथा चैम्बर ऑफ कॉमर्स के ट्रस्टी हैं। स्वभाव से सरल एवं उदार मनोवृत्ति वाले हैं।
पता : कल्याणमल मोहनलाल, पावना बाजार,मन्दिर के पास,इम्फाल (मणिपुर)