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। ५३ ) और कुलटा स्त्रियों के हृदय का मार्ग ये तीनों लोक में दिखाई नहीं देते हैं। ___ अब तुम क्या करोगे ? इस प्रकार मित्र द्वारा पूछे जाने पर गद् गद् स्वर से धरण ने कहा कि मैं इस स्त्री उमा का मूह देखे विना ही कहीं अन्यत्र चला जाऊँगा । मैं हत्यारा हूँ, पापी हूँ इस लिये अब मैं ज्यादा जिना नहीं चाहता । अब कहीं जाकर शांति से प्राण त्याग करना हो मेरे लिये श्रेयस्कर है।
मित्र ने कहा ऐसा मत करो। अपने घर जाम्रो । वहां से किसी प्रकार धन ग्रहण करो फिर कहीं जाकर किसी सुविहित गुरु से प्रायश्चित्त करो । नहीं तो जिस प्रकार द्ध पीकर नागनी उन्मत्त हो जाती है इसी प्रकार वह उन्मत्त हो जायगी और ओर भी अधिक अनुचित कार्य करेगी।
मित्र की प्रेरणा से धरण डरे हुए भावों से अपने घर गया। पति को आया हुआ देख उमा बडे आदर के साथ बनावटो प्रेम दिखाती हुई एक दम खडी हुई और सम्मुख जाकर बोली प्राणेश ? आइयें पधारिये यह विर हानल से संतप्त दासी आपका स्वागत करती है। इस प्रकार कहती हुई पति का हाथ पकड बड़े प्रेम से अंदर ले