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- भावी-भाव एक अद्भुत शक्ति है। वैसे ही सहायक और वैसी ही बुद्धियां मनुष्य को प्राप्त हो जाती हैं जैसी भवितव्यता होती है। नव-प्रमृत राजकुमार श्रीचन्द्र के लिये भी प्रकृति का यही अटल नियम लागु हो गया।
रानी सूर्यवती की परम-सखी सैन्द्री ने सोच विचार कर यह राय निश्चित की कि राजकुमार को महल के बाहर किसी अच्छी जगह रख दिया जाय । ऐसा करना भी बडा कठिन है । क्यों कि द्वार पर खडे सिपाही जाने वालों की पूरी छानबीन करते हैं। बाद बाहर जाने देते हैं । पर जो दासी हमेशा उपवन में से सायंकाल के समय शय्या के लिये ताजेफूलों का टोकरा भरकर लाती है और प्रातः वापस काम में लाये हुए फूलों को लेजाकर उपवन में एक