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( २५८ ) मन हुना । तापस वेषधारिणी ये दोनों कौन हैं ? और ये अवशिष्ट बालाए भी कौन हैं ? मैं सब बातों को जानने के लिए उत्सुक हूँ।
उस श्रद्धा ने जवाब दिया है पुत्र । सुनो तुम्हारे पूछे अनुसार विस्तार पूर्वक तुम्हें हमारे यहां आने की राम कहानी सुनाती हूं। ध्यान पूर्वक सुनोः
वसन्तपुर में बीरसेन नाम का राजा राज्य करता था। उसके वीरमती और वीरप्रभा नामकी दो गनीयां थीं। उनमें से प्रथम मैं मगु-नरेश की कन्या वीरमती हूं। मेरे माता पिता के दो कन्याएं हुई। उनमें जयश्री बडी, तथा में छोटी हूँ। पिताजी मुझे विजयवती कहकर पुकारते थे।
मेरी बडी बहिन जयश्री का विवाह महाराज प्रतापसिंह के साथ हुआ। उसके जय कुमार-आदि चार पुत्र हुए। वसन्तपुर के राजा का प्रधान मंत्री सदामति मेरा चाचा है।
इधर वसन्तपुर नरेश की दूसरी रानी वीरप्रभा के नवर्मा नामका एक पुत्र हुप्रा । वह बडा ही बलवान् नीतिज्ञ और शस्त्रास्त्र विद्या में निपुण है ।