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किसी जीव को मत सतायो। अगर सतानोगे तो सताये जाओगे। कोई अपना सताया जाना पसंद नहीं करता, तो दूसरों को भी नहीं सताना चाहिये । अभयदान सब दानों से श्रेष्ठ-दान है। अहिंसा, इंद्रीय-दमन-क्षमा, सचाई, ज्ञान, ध्यान और तप ये आठ बातें असली पुण्य है। इन्ही से देवता भी प्रसन्न होते हैं।
___ महानुभावों ! अभक्ष्य भक्षण करने से भी बड़ा भारी पार होता है। मांस और शराब दोनों ही जीवन को गिरानेवाले हैं। शराबियों को कोई हिताहित का ज्ञान नहीं रहता। उनमें पवित्रता तो नाम मात्र को भी नहीं होती। उन की स्त्रियां बाल-बच्चे दुखी होते हैं । शमी बेहोश होकर गिरता है तब उसके मुह में कुगे मृत जाते हैं । बडी बेइज्जती होती है। शराब से बुद्धि भ्रष्ट हो जाता है।
मज्जे महुम्मि मंसंमि-नवणीयम्मि चस्थए । उज्जति असंखाय-तव्वण्णा तत्थ जंतुणो॥ भागव में, शहद में, मांस में, और मक्खन, में असंख्याते त्रस-चलते फिरते जीव उसी वर्ण के पैदा होते हैं । अतः दयालू पुरुषों को विवेक से काम करना