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वाली पवित्रता और कमर में भौंरी बाली स्त्री स्वैरिली होती है। जिसको ललाट, पेट और योनि (गुद्यात्थान) लम्बी होती है वह अपने पति, ससुर ओर देवर के ' लिये घातक होती है। मनुष्य को चाहिये कि वह काली जीभवाली, लम्बे होठों वाली, पीली आंखों वाली, वर्धर
आवाज वाली, अत्यन्त गौरी और अत्यन्त काले रंग की इन छः प्रकार की स्त्रियों के साथ विवाह न करे ।
जिस स्त्री के बिना हंसे भी गालों में गड्ढे पड़ते हैं ऐसी स्त्री बड़ी व्यभिचारिणी होती है और वह कभी भी अपने पति के घर नहीं ठहरती । जिस स्त्री की कनिष्टिका और अनामिका उंगलो यदि पृथ्वी को न छूती हो तो वह अवश्य ही युवावस्था में जारों के साथ रमण करती है इसमें कोई संदेह नहीं है। जिसके जैसा मुख हो वैसा ही. गुप्त स्थान हो, जैसी आंखें हो वैसी ही कमर हो, जसे हाथ हों वैसे ही पैर हों, बाहुओं के जैसी ही जंघाएं हों और जो कौए के. समान स्वर वाली कौए के सदृश जांधोंवाली पीठ में रोए वाली बड़े, बड़े दांतवाली हो वह कन्या विवाह के बाद दस महिने में ही पति के मृत्यु का कारण बन जाती है इसमें कोई संदेह नहीं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार विकट अंगुलियों वाली छिदे छिदे पैर वाली, धम धम चलने वाली, ऐसी स्त्री