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( 5 ) पिता की आज्ञा से राजकुमारी प्रियंशुमंजरी ने सभा को साक्षी बनाते हुए कुमार से स्त्रियों के भेद और लक्षण पूछे।
उत्तर में कुमार श्रीचन्द्र ने कहा:-"अयि पण्डिते ! राजकन्ये ! पद्मिनी, हस्तिनी, चित्रिणी और शंखिनी ऐसे स्त्रियों के चार भेद होते है। एक २ भेद के चार २ उपभेद भी होते हैं। ऐसे कुल सोलह भेद शास्त्रों में बताये गये हैं। .. इनके लक्षण गंध से, अंगोपांगों से गति से, दांतों से, नेत्रों से, आदि २ प्रकारों से जाने जाते हैं। उसका स्वरूप संक्षेप में इस प्रकार है
पहला भेद पद्मिनी का होता है-उसके शरीर से कमल की सी सुगंधी निकलती है, सारा शरीर सुन्दर होता है, उसमें भी मुख की शोभा विशेष होती है। वह हंस की तरह चलती है। उसके मोगरे की कलियों के जैसे सुन्दर सुडौल स्वच्छ दांत होते हैं। माथे में चिकने सलोने श्याम-सुन्दर लम्बे २ बाल होते हैं। मोटे २ उसके नेत्र और स्तन होते हैं । पद्मिनी की नींद आहार, कामवासना, पसीना क्रोध आदि अन्य होते हैं।
दूसरा भेद हस्तिनी का होता है उसके शरीर में हाथी के मद जैसी गंध होती है। हथिनी के जैसी उसकी