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( २८४ ) मस्तचाल होती है। दांत बड़े केश कुछ मोटे, स्तन और आँखें कुछ छोटी २ होती हैं । हस्तिनी की नींद गहरी आहार काम-वासना पसीना क्रोध आदि कुछ अधिक
: तीसरा भेद चित्रिणी का होता है उसके शरीर से अनेक प्रकार की गंध निकलती है। उसकी साथलें सुडौल होती हैं। दांत और केश उस के सूक्ष्म होते हैं। तीखी उस की आंखें होती हैं। उचे उसके स्तन होते हैं। चित्रिणी की थोड़ी नींद चटपटा थोडा आहार, अनेक विलास, मध्यम प्रकार का पसीना आदि होते हैं। ..
चौथा भेद शंखिनी का होता है-उसके शरीर से मछली की सी गंध निकलती है। स्तनों में सुन्दरता होती है । गधी की तरह चलती हे । मोटे लंबे उसके दांत होते हैं । उसका केशपाश लूखा और मोटा होता है। आंखें पीली पीली सी होती है । खूब सोनेवाली, खूब खानेवाली, खूब वासना-विकारवाली, और खूब पसीनेवाली शंखिनी स्त्री होती है। क्रोध तो उसका बहुत दीर्घ काल तक चलता रहता है। " . .
. पद्मिनी प्रिय-पुष्पौधा, हस्तिनी मैक्तिक-प्रिया । .. चित्रिणी प्रियंभूषा च, शंखिनी कलह-प्रिया ॥