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( १६५ ) यह उसी का पुत्र है ऐसा मानकर उसने श्री चन्द्र को ओर रहकर वर पक्ष की तरफसे विवाह के नेकचार करवाये और सप्तखण्डी महल में विवाह की सारी सामग्री तैयार करवा दी। ____ श्रीचन्द्र के पास विवाह के उपयुक्त कुछ नहीं था। वस्त्राभूषणों से लेकर सारी आवश्यक वस्तुओं का प्रबंध रानी प्रदीपवती ने ही किया कुल स्त्रियां मंगल गीत गाने लगीं। मनोहर बाजे बजने लगे । मनोरंजन के लिये नाच-गान आदि कराये गये। कुमार हाथी पर सवार हो राजकीय सेना और लवाजमे के साथ धूमधाम से विवाह मण्डप के द्वार पर पहुंचे। .
कुलाचार के अनुसार विवाह के सारे रीति-रिवाज़ पूर्ण किये गये। मातृका मण्डल के पास बैठाकर मंगलगीत गाये जाने लगे । बाजे बजने लगे। पुण्याह पुण्याह का पाठ होने लगा। शांतिपाठ किया गया । बन्दोजन स्तुति पाठ करने लगे। - लग्नांश की उदय-बेला में ज्योतिषी ने वर वधु का पाणिग्रहण करा दिया। बादमें सुहाग और पारस्परिक प्रेम को स्थिर बनाये रखने का उपदेश रूप में दोनों को घ व दर्शन कराया। इस प्रकार वहां श्रीचन्द्रकुमार की विवाह विधि विस्तार पूर्वक बड़े आनन्द से ठाठ बाट के साथ सम्पन्न हुई।