________________
B.TET
"
N
ote
:
01
.
...
"
( १३९ ) कम विदेशी आलम देखे हो सोलिये मानो। यह दोममिका नाम को नगरी है । महाराज दीपचन्द्रदेव यहां के शासक हैं। मैं उन्हीं का नल नाम का धोबी हूँ । जिसके किनारे पर आप खडे है-यह यहाँ का सुप्रसिद्ध पद्मसरोवर नामका तालाब है। ये वस्त्र तो महारानी प्रदीपवती के है, और जो ये साड़ियां हैं, वे उनकी भतीजी और भतीजी की पुत्री की हैं।
गुणचन्द्र ने पूछा महाराज की भतीजी कौन है ? इस पर धोबीने कहा देध ! सुभगांग राजा की रानी श्री चन्द्रबतीजी महाराज दीपचन्द्रदेव की भतीजी हैं। उनके वामांगनाम का एक कुमार और शशिकला तथा चन्द्रकला नामकी दो पुत्रियां हैं । शशिकला को तो उसके पिता-राजा सुभगांगने रत्नपुर के स्वामी महामल्ल नरेश के साथ व्याह दी थी। छोटी कुमारी चन्द्रकला बडी है। रूपवती सौन्दर्य से काम प्रिया रतिका भी तिरस्कार करनेवाली परम गुणवती कन्या है।
. महाराजा दीपचन्द्र देव कुल-देवी के कथनानुसार पदमिनी चन्द्रकला को अपने यहां ले आये हैं, और यहीं ननिहाल (नानेरे ) में विवाह महोत्सा करेंगे। किसी ज्ञानी मुनि की यह भविष्यवाणी है कि-"यह पदमिनी
है
..
..
..
.
. . 10..
.