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EXAMS
सहजानन्दशास्त्रमालायां अथासद्भुतपर्यायाणां कथंचित्सद्भूतत्वं विदधाति--
जे गोव हि संजाया जे खलु णा भवीय पजाया । ते होति असम्भूदा पजाया णाणपक्खा ॥ ३८ ॥
जो उत्पन्न हुये नहि, जो होकर नष्ट हो गये वे सब ।
असद्भूत पर्यायें, ज्ञान माहि प्रत्यक्ष हैं ये ।३८ ॥ ये नैव हि संजाता ये खलु नष्टा भूत्वा पर्याया: ! ते भवन्ति असद्भूना: पर्याया: ज्ञानप्रत्यक्षाः ।। ३८ ।।
च खलु नाद्यापि संभूतिमनुभवन्ति, ये चात्मलाभमनुभूय विलयमुपगतास्ते किलासद्भूता अपि परिच्छेदं प्रति नियतत्वात् ज्ञान प्रत्यक्षतामनुभवन्तः शिलास्तम्भोत्कोगभूतभाविदेववदप्रकम्पापितस्वरूपाः सद्भूता एव भवन्ति ।। ३८ ।।
नामसंज---जण एव संजाय ज खलु भट्ट पज्जाय त असम्भूद पज्जाय गायनवाल धातुसंजभत्र सत्तायां हो सतायां, मस्स नाशे, जा प्रादुभदि । प्रातिपदिक ....यल न एव संजान खन्नु नट फ्यान तत् असदभूत पर्याय नानप्रत्यक्ष । मूलधातु-जनि प्रादुर्भाद, णश अदर्शने दिवादि, भू मनाया । उभयपदविवरणजे ये जाया संजाता: णट्ठा नष्टा: पज्जाबा पर्याया: अशभूदा असद्भार: णायक बयखा ज्ञानप्रत्यक्षा:-प्रथमा बहु० । ण न एव हि खलु अव्यय । भवीय भूत्वा-असमाप्तिकी क्रिया अव्यय । होसि भवन्तिवर्तमान लट् अन्य पुरुष बहुवचन किया। निरुक्ति-अक्षं आत्मानं प्रतीत्य उत्पद्यमानाः प्रत्यक्षा: । समास(ज्ञाने प्रत्यक्षाः ज्ञानप्रत्यक्षा (न सद्भुता: असत्भूताः ।।३।।
असद्भूत पर्यायें भी भगवान के ज्ञानमें सद्भूत हैं । ३-भगवानके ज्ञान में जैसे वर्तमान पर्याय प्रत्यक्ष हैं. ऐसे ही भगवान के ज्ञानमें अनीत व भावी पर्यायें भी प्रत्यक्ष हैं 1 ४-शिलामें उकेरी गई भूत वर्तमान भविष्यत् तीर्थंकरोंकी प्रतिमायें शिलामें तो वे सब वर्तमान ही हैं । ५- प्रभु के ज्ञान में प्रतिविम्बित भूत वर्तमान भविष्यत् पर्यायें प्रभुके ज्ञान में तो वर्तमान ही हैं । त्रिलोकत्रिकालवी समस्त पदार्थ परमात्माके ज्ञान में एक साथ ही प्रतिविम्बित हैं व अग्नि जल जैसे परस्पर विरुद्ध पदार्थ भी एक ही साथ एक ही ज्ञान में यात्माके उन्हीं प्रदेशों में रह रहे हैं यही परमात्माका पारमश्चर्य है।
सिद्धान्त--(१) भगवान के पारमैश्वर्षमय ज्ञानमें भूत, भविष्य, वर्तमान सभी अर्थों का एक साथ प्रातिभास्यत्वरूप प्राक्रमण होता है ।
दृष्टि- १- अशून्यनय [१७४] ।
प्रयोग- ज्ञान के सहज स्वच्छ विलासके अनुभव के लिये अविकार सहज ज्ञानस्वभाव की प्रात्मरूपमें उपासना करना ।। ३८ ॥
अब अविद्यमान पर्यायोंकी इसी ज्ञान प्रत्यक्षताको दृढ़ करते हैं--- [यदि वा] यदि