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सहजानन्दशास्त्रमालायां अथ शरीरवाइमनसा परद्रव्यत्वं मिश्चिनोति
देहो य मगो वाणी पोग्गलदव्यप्पग ति णिदिया । पोग्गलदव्वं हि पुणो पिंडो परमाणुदवाणं ॥१६१॥
देह लथा मरन वाणी, ये पुद्गलद्रव्यमय हैं बताये।
पुद्गलदाय अचेतन, प्रादों का पिण्ड यह सब है ॥१६१॥ देहश्च मनो काणी युद्गलद्रव्यात्मना इति निर्दिष्टाः । पुद्गलद्रव्यमपि पुनः पिण्डः परमाणद्रव्याणाम् ।१६॥
शरीरं च वाक घ मान एच त्रीपयपि पर द्रव्यं पुद्गलद्रव्यात्मकत्वात् । पुद्गलद्रव्यत्व न तेषी पुद्गलद्रव्यस्व लक्षशाभूलस्वरूपारितत्वनिश्चितत्वात् । तथाविधपुद्गलद्रव्यं त्वनेकपरमाणु
नामसंज्ञ-देह य मण वाणी पोग्गल्डर व्यपग ति णिट्टि पोग्गलदव्य' हि पुणो पिड परमारपुदम्य ।। धातुसंजनिर् दिस पेक्षो दाने च । प्रातिपदिक-देह च मनस् वाणी पुद्गलद्रव्यात्मक इति निदिष्ट पुद्गलद्रव्य हि पुनर् पिण्ड परमाणु द्रव्य । मूलधातु-निर दिर अतिसर्जने । उभयपदविवरण देहो देह मणो मन: वाणी पोग्गलदव्वं पुद्गलद्रव्यं पिद्धो पिण्ड:-प्रथमा एकवचन । पुग्गलदब्धप्पगे-प्रथमा बहु०।मैं शरीर वचन मनका न कता हूं, न कराने वाला हूं, न करने वालेको अनुमोदने वाला है, अत: शरीरादि समस्त परद्रव्यके प्रति मैं अत्यन्त सध्यस्थ हूं।
सिद्धान्त--प्रात्मा शरीरादिका कर्ता प्रादि नहीं है। दृष्टि----१- प्रतिषेधक शुभनय (४६) ।
प्रयोग--किसी भी परद्रव्यसे अात्माका किसी भी कारकरूप सम्बन्ध नहीं, अतः । समस्त परद्रव्योंको अप्रयोजक मान कर किसी भी परद्रव्यमें रागद्वेष न करना, मध्यस्थ रहना ॥१६० ॥
अब शरीर, वाणी और मन का परद्रध्याना निश्चित करते हैं- [देहः मनः च पाणी देह, मन और वाणी [पुद्गल द्रख्यात्मका:] पुद्गल द्रव्यात्मक [इति निर्दिष्टाः] हैं, ऐसा सर्वज्ञ देवने कहा है [अपि पुनः] और [पुद्गल द्रव्यं] थे पुद्गल द्रव्य [परमाणुद्रव्यारणां पिण्ड परमाणुद्रव्योंका पिण्ड है।
तात्पर्य-शरीर वचन व मन गुद्गलद्रव्यात्मक हैं और आत्मासे अत्यन्त भिन्न हैं।
टोकार्थ-शरीर वालो और मन सोनों ही परद्रय हैं, क्योंकि ये पुद्गल द्रव्यात्मक हैं। उनके पुद्गलद्रव्यपना है, क्योंकि वे पुद्गलद्रव्य के स्वलक्षणभूत स्वरूपास्तित्व में निश्चित हैं । और उस प्रकारका पुद्गलद्रव्य अनेक परमाणु द्रव्यों का एक पिण्ड पर्यायरूपसे परिणाम है, क्योंकि अनेक परमाणुद्रच्योंके स्वलक्षण भूत स्वरूपास्तित्व अनेक होनेपर भी कथंचित् अति । स्निग्धत्व-रूक्षत्वकृत बन्च परिणामको अपेक्षासे एकत्वरूप अवभासित होते हैं।
लाकार
ददनालडक
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