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सहजानन्दशास्त्रमालाया अथाध्र यत्वादात्मनोऽन्यन्नोपलभनीयमित्युपदिशतिः
देहा वा दविणा वा सुहदुक्खा वाध सत्तुमित्तजणा । जीवस्स गण संति धुवा धुवोवोगप्पगो अप्पा ॥१६३।। देह द्रधिरण सुख दुख या, शत्रू मित्र परिवार प्रादि सभी ।
जीवके न ध्रुब ये कुछ, ध्र व है उपयोगमय प्रात्मा ॥ १६३॥ देहा वा द्रविणानि वा सुखदुःखे बाथ शत्रुमित्रजनाः । जीवस्य न सन्ति ध्रुवा ध्रुव उपयोगात्मक आत्मा ॥
प्रात्मनो हि पर द्रव्याविभागेन परद्रव्योपरज्यमानस्वधर्मविभागेन चाशुद्धत्वनिबन्धनं न
नामसंज्ञ-देह वा दविण वा सुहदुख वा अध सत्तुभित्तजण जीव ण धुव धुवोवोगापग' अप्प । भात अस सत्तायां । प्रातिपदिक-देह वा द्रविण वा सखदःख वा अथ शत्रमित्रजन जीवन धव ध्र वोपयोगात्मक आत्मन् । मूलधातु---अस भुवि । उभयपदविवरण--देहा देहाः दविणा द्रविणानि सत्तुमित्तजणा शत्रुमित्रजनाः धुवा ध्रुवा:-प्रथमा बहु0 1 सुह दुक्खा-प्रथमा बहु० । सुख दुःखे-प० द्विः । जी. बस्स जीवस्य-षष्ठी एकवचन । धुवोवओगप्पगो ध्र वोपयोगात्मक: अप्पा आत्मा-प्रथमा एवावचन । संति
सिद्धान्त-१- अखण्ड सहज चैतन्यस्वभावमय एकत्वगत शुद्ध पात्मा ध्रुव है। दृष्टि-१- अखण्ड परमशुद्धनिश्चयनय [४३] ।
प्रयोग ---शाश्वत सहज प्रानन्दमय होने के लिये अध्र व पदार्थोंसे व प्रात्मवृत्तियोंसे हटकर ध्र व सहज चैतन्यस्वभावकी प्राराधना करना ।। १६२।।
अब अन वपनाके कारण प्रात्माके अतिरिक्त दूसरा कुछ भी उपलब्ध करने योग्य नहीं है यह उपदेश करते हैं.---[देहाः वा शरीर, [द्रविणानि वा] धन, सुखदुःखे) सुख दुःख [अथ वा] अथवा [शत्रुमित्रजनाः] शत्रुमित्रजन ये सब [जीवस्य] जीवके [ध्र वा: न सन्ति ध्रन नहीं हैं; [ध्र वः] ध्र व तो उपयोगात्मकः आत्मा] उपयोगात्मक प्रात्मा है।
तात्पर्य—अपना ध्र व तो ज्ञानदर्शनमय प्रात्मतत्त्व है अन्य कुछ नहीं।
टोकार्थ---परद्रव्यसे अभिन्न होनेके कारण और परद्रव्य के द्वारा उपरक्त होने वाले स्वधर्मसे भिन्न होनेके कारण आत्माकी अशुद्धि का कार सा भूत ऐसा कुछ भी अन्य कोई भी मुझ आत्माका ध्र ब नहीं है, क्योंकि वह असत् और हेतुमान होनेसे आदि-अन्तवाला और परतः सिद्ध है; ध्रुव तो उपयोगात्मक शुद्ध प्रात्मा ही है इस कारण मैं उपलभ्यमान प्रधब शरीरादिको उपलब्ध नहीं करता, और ध्र व शुद्धात्माको उपलब्ध करता हूँ।
प्रसंगविवरण-~-अनन्तरपूर्व गाथामें यह बताया गया था कि ध्रवपना होनेसे अपना शुद्ध आत्मा ही प्राप्त करने योग्य है । अब इस गाथामें बताया गया है कि अन वपना होनेसे