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प्रवचनसार-सप्तदशाङ्गी टीका
प. शिस्य प्रजाति PAथ प्रदेशवत्त्वाप्रदेशवत्वसंभवप्रकारमासूत्रयति--
UT यः सुयो नि १०८ श्री जध ते णभप्पदेसा तधप्पदेसा हवंति सेसाणं सविधि सागर जी महारा अपदेसो परमाग तेण पदेसुब्भवो भणिदो ॥१३७॥ नभमें प्रदेश जैसे, प्रदेश त्यों हैं समस्त द्रक्ष्योंके ।
परमाणु अप्रदेशी, भी प्रोद्भवसे सकाय कहा ॥१३७।। गया ते नभःप्रदेशास्तथा प्रदेशा भवन्ति शेषाणाम् । अप्रदेशः परमाणुस्तेन प्रदेशोद्भवो भणितः।। १३७ ।।
सूयिष्यते हि स्वयमाकाशस्य प्रदेशलक्षणमेकागुयायत्वमिति । इह तु यथाकाशस्य प्रदेशास्तयाशेषद्रव्यागामिति प्रदेशलक्षरणप्रकारकत्वमासूथ्यते। ततो यथैकाव्याप्येनांशेन गण्य मातस्याकाशस्यानन्तांशत्वादनन्त प्रदेशत्वं तथै कागुब्धाप्यनाशन गण्यमानानां धर्माधमैकजोवानामसरूप्रेयांशत्वात् प्रत्येक मसंख्येयप्रदेशत्वम् । यथा चावस्थितप्रभारण्योर्धर्माधर्मयोस्तथा
नामसंज्ञ--जध त णभप्पदेस तबपदेस सस अरदेस परमाणु त पदेसुम्भव भणिय । धातुसंज्ञ---हृव सत्ताया, भय कथने । प्रातिपदिक--- यथा तत् नभःप्रदेश तथा प्रदेश शेष अप्रदेश परमाणु तत् प्रदेशोभन मणित । मूलधातु-भू सत्तायां, भण शब्दार्थः । उभयपदविवरण---जध यथा तब तथा अध्यय । णभप्पदेसा नभःप्रदेशाः पदेसा प्रदेशाः-प्रथमा यहु । हति भवन्ति-वर्तमान अन्य पुरुष बहुवचन क्रिया । सेवाण के एक प्रदेश में रहता है, किन्तु स्निग्धत्व रूक्षत्वके कारण बन्ध हो जाने व बद्धोंके घनिष्ट सम्बन्ध हो जानेसे स्कन्धरूपमें लाकर वह स्कन्ध लोकके बहुत प्रदेशों में रहता है।
सिद्धान्त-- १-- प्रत्येक पदार्थ अपने अपने प्रदेशों में रहते हैं । २-- सर्व पदार्थ लोकाकाशमें रहते हैं। Sो दृष्टि-- १- कारक कारकिभेदक सद्भूत व्यवहार (७३) । २- पराधिकरण असद्भूत व्यवहार (१३४) ।
प्रयोग-अन्य समस्त पदार्थों को व उनके प्रवधारको न देखकर अपने प्रात्मप्रदेशों में अपने सहज स्वरूपको निरखकर इस स्वयंमें ही प्रात्मत्व अनुभवना ॥ १३६ ॥
अब प्रदेशवत्व और अप्रदेशवत्त्वको संभवताका प्रकार प्रासूत्रित करते हैं---[यथा] से ति नभः प्रदेशा] वे आकाशप्रदेश हैं [ तथा ] उसी प्रकार [ शेषाणां ] शेष द्रव्योंके प्रदेशाः भवन्ति] प्रदेश हैं। [परमाणुः] परमाणु [अप्रदेशः] अप्रदेशी है; [तेन] उसके
पारा | प्रदेशोद्धयः भरिणतः] प्रदेशोद्भव कहा गया है। in तात्पर्य----सभी द्रव्यों में प्रदेश होते हैं, काल द्रव्य एकप्रदेशी है, परमाणु भी एक.
प्रदेशी है, किन्तु उनके मिलनेसे पिण्ड अनेकप्रदेशो हो जाते हैं ।
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