________________
P
admaavats,
PawanisemenewNE
M
Amaosale-
S
a
प्रवचनसार-सप्तदशाङ्गी टीका चः तदेवोत्तरीयं विस्तारविशेषात्मक गोलक्ष्यते । न च तैः सह स्दरूपभेदमुपव्रजति, स्वरूपत एव तथाविधत्वमवलम्बते । तथैव तदेव द्रव्यमपि विस्तार विशेषात्मवगुगा लक्ष्यते । न च तैः सह. स्वरूप भेदभुपन जति, स्वरूपत एव तथाविधत्वमवलम्बते । यथैव च तदेवोत्तरीयमायतविशेषात्माः पर्यायतिभिस्तन्तुभिलक्ष्यते । त च तैः सह स्वरूपभेदमुपवति, स्थरूपत एव तथाविधत्वमवलम्बते । तथैव तदेव द्रध्यमप्यायत विशेषात्मकः पथिलक्ष्यते । न च तैः सह स्वरूप भेदमुपद्रजति, स्वरूपत एव तथाविधत्वमवलम्बते ॥६.५।। व्ययभूवत्वसंबद्ध, गुणं यस्यारतीति गुणवत् पर्यायन सहित सफ्याँयं ।। ६५।। उसका उन पर्यायोंके साथ स्वरूपभेद नहीं है, वह स्वरूपसे ही वैसा है ।
प्रसंगविवरण -- अनन्तरपूर्व गाथामें स्वसमय व परसमयको व्यवस्था प्रतिस्थापित की थी। अब इस गाथामें द्रव्यका लक्षण उपलक्षित किया गया है।
तथ्यप्रकाश--(१) द्रव्य स्वभावभेदरहित प्रखण्ड सत् है। (२) द्रव्यका स्वभाव अस्तित्वसामान्य रूप अन्वय है। (३) द्रष्यका परिचय उत्पादध्ययनौव्ययुक्ततासे किया जाता है । (४) द्रव्यका परिचय गुणपर्यायवत्तासे किया जाता है। (५) गुरण सामान्य विशेषात्मक हैं। (६) जो गुण अनेक द्रव्योंमें पाये जावें वे गुरुण सामान्य हैं, जैसे अस्तित्व नास्तित्व एकत्व अनेकस्य आदि । (७) जो गुण एक ही द्रव्य में या एक ही जाति के द्रध्यमें पाये जावें वे गुण विशेष हैं । जैसे चेतनस्व, रूपादिमत्त्व, गतिहेतुत्व आदि । (८) पर्याय कालक्रमभावी विशेष
हैं. 1 (6) पर्याय चार प्रकारके होते हैं-स्वभावद्रव्यव्यञ्जन पर्याय, विभावद्रयव्यञ्जन पर्याय, Eme स्वभावगणच्यञ्जन पर्याय, विभावगुणव्यञ्जन पर्याय । १० पर्यायोंसे गुणोंसे उत्पादादिसे द्रव्य
जाना जाता है यों उनमें लक्ष्यलक्षण का भेद है, किन्तु द्रव्यमें स्वरूपभेद नहीं है, क्योंकि गुण पर्याय उत्पादादिसे द्रव्य मात्र लक्षित किया जाता है ।
सिद्धान्त---(१) उत्पादादिसे द्रव्य मात्र लक्षित किया जाता है । (२) द्रव्य परमार्थतः । स्वभावभेदरहित अखण्ड सत् है ।
दृष्टि--१- उत्पादव्ययसापेक्ष अशुद्ध द्रध्याथिकनय (२५) । २- आखण्ड परमशुद्ध निश्चयनय (४४)।
प्रयोग-द्रव्य के लक्षण की विधिसे अपनेको यथार्थ सहजस्वरूप में लक्षित करना ॥६५॥
अब क्रमसे दो प्रकारका अस्तित्व कहते हैं.---स्वरूप-अस्तित्व और सादृश्य-अस्तित्व । उनमें यह स्वरूपास्तित्वका कथन है- [गुरणः] गुणों तथा [चित्रैः स्वकपर्यायः] अनेक प्रकार को अपनी पर्यायोंसे [उत्पादव्याघ्र वत्वैः] और उत्पाद ध्यय प्रौव्यसे [सर्वकालं] सर्वकालमें
amcomAMAURISMANORANummer
मा
HERE