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* अरिहन्त
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जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र के भावी तीर्थङ्करों का परिचय
(१) श्रेणिक राजा का जीव, प्रथम स्वर्ग से आकर पहले तीर्थङ्कर श्रीपद्मनाभ के रूप में जन्म लेगा ।
(२) श्री महावीर स्वामी के काका सुपार्श्व का जीव स्वर्ग से आकर दूसरे तीर्थङ्कर श्रीसुरदेव के रूप में जन्म लेगा ।
(३) कोणिक राजा के पुत्र उदायी राजा का जीव' देवलोक से कर तीसरा तीर्थङ्कर श्रीसुपार्श्व होगा ।
( ४ ) पोट्टल अनार का जीव, तीसरे देवलोक से आकर चौथा तीर्थङ्कर श्रीस्वयंप्रभ होगा ।
( ५ ) दृढ़युद्ध श्रावक का जीव, पाँचवें देवलोक से आकर पाँचवाँ तीर्थङ्कर श्री सर्वानुभूति होगा ।
(६) कार्तिक श्रेष्ठी का जीव, प्रथम देवलोक से आकर छठा तीर्थकर देवश्रुति होगा ।
(७) शंख' श्रावक का जीव देवलोक से आकर सातवाँ तीर्थङ्करश्री उदयनाथ होगा ।
(८) आनन्द श्रावक का जीव देवलोक से आकर आठवाँ तीर्थकर श्री पेढाल होगा ।
१ - पाटलीपुर-पति । २ - प्रथम देवलोक के इन्द्र की आयु दो सागरोपम है और इनका अन्तर थोड़ा है। इस कारण कार्तिक श्रेष्ठी का जो जीव प्रथम देवलोक का इन्द्र है, वह यहाँ नहीं समझना चाहिए। यह कार्तिक श्रेष्ठी कोई और ही है । ३-भगवतीसूत्र में वर्णित शक्त श्रावक यह नहीं हैं, यह कोई दूसरे हैं । ४ – उपासकदशांगसूत्र में वर्णित आनन्द श्रावक से यह भिन्न हैं। यह सम्बग्दृष्टि, मांडलिक राजा, चक्रवर्ती, साधु, केवल