________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
इजलास
२८४
इत-उत यौ० इजराय डिगरी-डिगरी का अमल- इज्जतदार-वि० ( फा० ) प्रतिष्ठित दरामद होना, डिगरी जारी कराना। सम्मानित । इजलास-संज्ञा, पु० (अ० ) बैठक, हाकिम इज्य-वि० (सं० यज्+य) वृहस्पति, देवा
की बैठक, मुकदमों के फ़ैसल करने का चार्य, गुरु, शिक्षक, पूज्य । स्थान, कचहरी, न्यायालय ।
स्त्री० इज्या। इजहार-संज्ञा, पु. (अ.) जाहिर करना, इज्या- संज्ञा, स्रो० ( सं० यङ्- य आ ) प्रकाशन, प्रकट करना, अदालत के सामने दान, याग, यज्ञ, पूजा, अर्चा. आठ प्रकार बयान, गवाही, साक्षी।
के धर्मों में से प्रथम । इजाज़त-संज्ञा, स्त्री० (म०) श्राज्ञा, वि० इज्याशील--बार-बार यज्ञ करने
हुक्म. स्वीकृति, परवानगी, मंजूरी, सम्मति । वाला, याजक, यज्ञकारी। इजाफा-संज्ञा, पु. (अ.) बढ़ती, वृद्धि, इठलाना-अ. क्रि० दे० (हि. ऐंठ+
तरक्की, खर्च के बाद बचा हुआ धन, बचत। लाना ) इतराना, गर्व या घमंड दिखाना, इजार-संज्ञा, स्त्री० (अ.) पायजामा,सूथन । अहंकार-सूचक चेष्टा करना, भटकना, नखरा इजारबंद - संज्ञा, पु. ( म०) सूत या करना, ऐंठ दिखाना, अनजान बनना, काम रेशम का जालीदार बँधना जो पायजामे में विलम्ब करना, ठसक दिखाना । या लॅहगे के नेफे में उसे कमर से बाँधने | अठिलाना(व. भा० )। के लिये पड़ा रहता है, नारा !
इठलाहट--संज्ञा, स्त्री. (हि. इठलाना) इठ. इजारदार-इजारेदार-वि० । फा० ) किसी लाने का भाव, ठसक, इतराना, घमंड, ऐंठ। पदार्थ को इजारे या ठेके पर लेने वाला, इठाई*--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० इट+ ठेकेदार, अधिकारी।
आई-प्रत्य० ) अभिरुचि, चाह, मित्रता, इजारा-संज्ञा, पु. (अ.) किसी पदार्थ प्रीति, इष्टता । को उजरत या किराये पर देना, ठेका, " नेकहूँ उमैठे गये नेह की इठाई सों।" अधिकार, इख्तियार, स्वत्व ।।
-रवि० । इज्जत-संज्ञा, स्त्री० (अ.) मान-मर्यादा, इडा-संज्ञा, स्त्री. (सं०) पृथ्वी, भूमि, प्रतिष्ठा, श्रादर।
गाय, वाणी, स्तुति, अन्न, हवि, नभदेवता, मु०--इज्जत उतारना-मर्यादा नष्ट दुर्गा, अंबिका, पार्वती, कश्यप ऋषि की करना।
पत्नी जो दक्षप्रजापति की पुत्री थीं, स्वर्ग इज्जत लेना-- मर्यादा या प्रतिष्ठा न करना। हठयोग की साधना के लिये मानी गई इज्ज़त देना-प्रतिष्ठा गँवाना, मर्यादा वामांग ओर की एक कल्पित नाड़ी, खोना, सम्मान या आदर करना या देना। सरस्वती, वैवस्वत मनु की पुत्री जो चंद्रइज्जत मिट्टी में मिलाना--प्रतिष्ठा नष्ट ; पत्र बुध से व्याही थी और जिनसे प्रसिद्ध करना, मर्यादा का बिगाड़ना ।।
नृप पुरुरवा पैदा हुए थे। इज्जत बिगाड़ना--(स्त्री के लिये) इडुरी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) एंडुरी, गेंडरी. सतीत्व नष्ट करना, बलात्कार करना। बीड़ा । (साधारणतया) मान-मर्मादा या इत*-- क्रि० वि० दे० (सं० इतः ) इधर, प्रतिष्ठा को नष्ट करना।
| इस ओर, यहाँ, इतै (७०) इत्त (दे० । इज्जत रखना-मान-मर्यादा या प्रतिष्ठा | इत-उत-क्रि० वि० दे० (सं० इतः+ततः ) की रक्षा करना, नष्ट न होने देना। इधर-उधर, इत्त उत्त (दे०)।
For Private and Personal Use Only