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तुवर
तुरावती तुरावती-वि० स्त्री० दे० (सं० त्वरावती) तुलसीदास-संज्ञा, पु. (सं० ) रामायण वेगवती, शीघ्रगामिनी।
बनाने वाले एक साधु, तुलसी । तुरिया*-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० तुरीय) तुलसीपत्र--संज्ञा, पु. यौ० (सं०) तुलसी की
चौथी या ज्ञान की दशा या अवस्था । . पत्ती, तुलसीदल। तुरीय-वि० (सं०) चतुर्थ, चौथा, चौथी | तुला-संज्ञा, स्त्री० (सं०) समानता, मिलान, अवस्था । स्त्री. तुरीया।।
। तराज़, मान, एक राशि ( ज्यौ०)तुरूप-संज्ञा, पु. (दे०) ताश के खेल में सब धरिय तुला इक अंग"-रामा० । को जीतने वाला निश्चित रंग! संज्ञा, स्त्री०लाई—संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० तूल) दुलाई। (दे०) तुरुपन । स० क्रि० (दे०) सीना। ...
संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० तुलना ) तौलने का तुरुष्क-संज्ञा, पु० (सं०) तुर्क जाति, तुर्कि- |
भाव या काम, तौलने की मज़दूरी। तौलाई, स्तान के निवासी, भाषा, घोड़ा। तुर्क-संज्ञा, पु० दे० (सं० तुरुष्क ) तुर्किस्तान
तौलवाई (दे०)। का निवासी । वि. तुर्की।
तुलादान-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) मनुष्य तुर्कमान-संज्ञा, पु० दे० (फा० तुर्क ) तुर्क
की तौल के समान किसी पदार्थ का दान । जाति का मनुष्य, तुर्की घोड़ा।
तुलाधार-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) तुला तुर्की-वि० (फा० तुर्की ) तुर्किस्तान का।
राशि, बनिया, काशी-निवासी एक ज्ञानी संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा०) तुर्किस्तान की भाषा,
बनिया, माता-पिता का अनन्य सेवक, वहाँ की बनी वस्तु, वहाँ का घोड़ा, अकड़,
एक व्याध । गर्व. ऐंठ।
तुलाना-तौलाना-अ० क्रि० दे० (हि. तुर्रा-संज्ञा, पु. (अ०) कलँगी । मुहा०- तुलना) पूरा उतरना, पहुँचना, आ पहुँचना, तुर्रा यह कि-उस पर भी, इतना और, मिलाना, जोखाना (ग्रा.)। " नाचहिं सब के पीछे, इतना और भी, चोटी, कोड़ा। राकस आस तुलानी"-पद०। वि० (फ़ा०) अनोखा, अजीब ।
तुला-परीक्षा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) तुर्वसु-संज्ञा, पु० (सं० ) ययाति का पुत्र ।। प्राचीन काल में अभियुक्त को दो बार तुर्श- वि० (फ़ा०) खट्टा, अम्ल ।
तौलते थे, यदि समान ही रहे तो निर्दोष तुर्शी-संज्ञा, स्त्री० (फ़ा० ) तुरसी (दे०) खटाई. |
शा,
लातुरसा(५०) खटाइ. माना जाता था। अम्लता। वि० तुर्शीला, तुरसीला (दे०)। तुलायंत्र--संज्ञा, पुन्यौ० सं०) तराजू, तखरा । तुल, तूल*-वि० दे० (सं० तुल्य) समान, तुलित-वि. ( सं० तुल्य ) तुला हुश्रा, बराबर, तुल्य । " कहहि सीय सम तूल" बराबर, समान, तुल्य । वि० तुलनीय । -रामा०।
तुली-संज्ञा, स्त्री० (दे०) तूलिका, चित्र बनाने तुलना-अ० क्रि० दे० (सं० तुल) समानता,
की कलम । या तुल्यता करना, बराबर करना,तौल होना। तुल पाई, तौलवाई - संज्ञा, स्त्री० दे० (हि.
तुले-स० कि० ( हि• तुलना ) जो तौला
जा सके, तौला गया। तौलना) तौलने की मजदूरी, तोलाई, तुलाई | तल्य-वि० (सं० ) बराबर, सदृश, समान । (दे०)। तुलवाना-स० कि० दे० (हि. तौलना) किसी तुल्यता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) समता, बराबरी। वस्तु को किली से तौलाना, तौलवाना (हि.) तुल्ययोगिता-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) एक गाड़ी को धौंगवाना। संज्ञा, स्त्री. तुलवाई।।
अलंकार जिसमें बहुत से उपमेयों या उपतुलसी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक पवित्र पौधा। मानों का एक ही धर्म कहा गया हो (अ.)। तुलसीदल-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) तुलसी तुव-सर्व० दे० (सं० तव ) तुम्हारा । के पौधे की पत्ती।
तुपर-संज्ञा, पु. (सं० ) अरहर ।
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