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प्रातमान १२७१
प्रतिश्रव या वस्तु के अभाव पर तत्पश्य अन्य वस्तु प्रतिलोम विवाह-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) उच्च या व्यक्ति की स्थापन और वर्णन हो। वर्ण की कन्या का नीच वर्ण के वर से विवाह । प्रतिमान--संज्ञा, पु० (२०) प्रतिक्वि. प्रति- प्रविस्तूपमा--संज्ञा, स्त्री. (सं० ) एक
छाया, समानता, नुल्यता, उदाहरण, अर्थालंकार जिसमें पृथक वाक्यों में उपमेय दृष्टांत, हाथी के मस्तक का एक भाग । और उपमान के साधारण धर्म का कथन हो । प्रतिमार्ग---संज्ञा, पु० सं०) प्रत्येक मार्ग। प्रतिवचन-- संज्ञा, पु० (सं०) उत्तर, प्रत्युत्तर । प्रतिमास-संज्ञा, पु० (०) हर महीने। प्रतिवर्तन--संज्ञा, पु० (सं०) लौर थाना। प्रतिमुख --- संज्ञा, पु० (सं०) नाटक की पाँच | प्रतिवर्ष-- संज्ञा, 'गु० (सं० ) प्रत्येक वर्ष । संधियों में से एक अंगसंधि (नाट्य०)। प्रतिवाक्य- संज्ञा, पु० (सं०) उत्तर प्रत्युत्तर । प्रतिमूर्ति-संज्ञा, स्त्री० (२०) प्रतिमा, अनुकृति। प्रतिवाद - संज्ञा, पु० (सं०) खंडन, विरोध, प्रतिमोक्षण-- संज्ञा, पु. (सं०) मुक्ति प्राप्ति । विवाद, वह बात जो किसी मत या विपक्षी प्रतियत्न-संज्ञा, पु० (सं० ) लिप्सा, वाँछा, को भूठा सिद्ध करने के लिये कही जाय । बंद या निग्रह करने का उपाय, गुणांतर प्रनिघादी--संज्ञा, पु. (सं० प्रति वादिन ) का ग्रहण, संस्कार, संशोधन, प्रति ह। खंडन या प्रतिवाद करने वाला, उत्तर दाता, प्रतियोग-संज्ञा, गु० ( सं०) विरोध, बैर, प्रतिपक्षी, वादी का विरोधी। शता, विरुद्ध संयोग।
प्रतिवाधक-संज्ञा, पु० (सं०) निवारक,प्रतिप्रतियोगिता.... (संज्ञा, स्रो० (सं०) चढ़ा-ऊपरी,
बंधक, वाधक या विघ्नकारी। प्रतिद्वंद्विता. विरोध, शता।
प्रतिवास- संज्ञा, पु० (सं०) पड़ोस, निकटप्रतियोगी--- संज्ञा, पु. (सं०) शत्रु, वैरी, निवाल, समीप-वाय । विरोधी, सहायक, हिस्सेदार ।
प्रतिवासर-शा, पु० ( सं० ) प्रति दिन । प्रतियोद्धा-संज्ञा, पु. (सं०) बराबर का
प्रतिवासी-संज्ञा, पु. ( सं० प्रति वासिन् ) योद्धा, शत्रु ।
परोसी (ग्रा.) पड़ोसी, पड़ोस का वासी। प्रतिरथ- संज्ञा, पु० (सं०) समान लड़ने वाला।
प्रतिविधान-संज्ञा, पु० (स०) प्रतिक्रिया, प्रतिरात्रि--संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) प्रत्येक रात्रि।
प्रतीकार, निवारण, उपाय । प्रतिरूप- संज्ञा, पु. ( सं० ) मर्ति, प्रतिमा,
प्रतिविम्ब-संज्ञा, पु. (सं०) प्रतिच्छाया, प्रतिनिधि, चित्र । वि० समान, तुल्य, बराबर।
परछाँही, प्रतिमा, प्रतिकृति, प्रतिमूर्ति । संज्ञा, स्त्री० प्रतिरूपता। प्रतिरोध-संक्षा, पु० (सं०) विरोध, रोक, |
(वि० प्रतिविम्बित)। रुकावट, बाधा, विन। वि० प्रतिरोधक। प्रतिवेश -- संज्ञा, पु. ( सं०) घर के सामने प्रतिरोधक-प्रतिरोधी-संज्ञा, पु० (सं०) | चोर, तस्कर, ठग, डाकू, अपहारक। "उदीर्ण
| प्रतिवेशी-- संज्ञा, पु०(सं० प्रतिवेशिन्) पड़ोसी। राग प्रतिरोधकं"-माघ ।
प्रतिशब्द -- संज्ञा, पु. (सं० ) प्रतिध्वनि । प्रतिलिपि-संज्ञा, स्त्री० (सं.) लेख की नकल। "गुहानिवद्धा प्रतिशब्द दीर्घम्" - रघु० । प्रतिलोम-वि० (सं०) नीचे से ऊपर जाना, प्रतिशोध-संज्ञा, पु० (सं०) बदला, पलटा । विपरीत, प्रतिकूल, उलटा, विरुद्ध, विलोम।। वि० प्रतिशोधक, प्रतिशोधो। ( विलो० अनुलोम )। यौ० प्रतिलोमानु- प्रतश्याय-- पु० संज्ञा, (सं०) श्लेष्मा, जुकाम। लीम-उल्टा-सीधा, ऐसी रचना जिसे उलटा- प्रतिश्रव- संज्ञा, पु० (सं०) अंगीकार, स्वीकार, सीधा दोनों ओर से पढ़ सकें (चित्र काव्य)। प्रतिज्ञा, निश्चित कथन ।
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