Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1913
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९०२ " हेरम्ब षड-मुख जीति तारकनंद को जब पुकार, बुलाना । स्त्री. प्रत्य. या विभक्ति ज्यों हस्यो"- रामा। (यो०) ऐरी, अोरी, अरो। मुहा०-हेरी हेरा--संक्षा, स्त्री० दे० (हि. हेरना) तलाश. | देना (लगाना)--पुकारना, आवाज़ देना खोज, उद। संज्ञा, पु० (दे०) --अहेर. शिकार। (लगाना )। पु० यौ० विभक्ति( संबोधन ) हेरना-स० क्रि० दे० (सं० आखेट) खोजना, हे, रे। सा० भू० स० क्रि० स्त्री० (हि. ढूँढना, तलाश करना, पता लगाना, ताकना. हेरना ) निहारी देखी. ढूँढी. परवी। देखना, परखना, जाँचना, देखना, निहारना। हेल - संज्ञा, पु० दे० (हि. हील ) कीचड़, " हेरत रहेउँ तोहि सुत-धाती"--रामा० । कींच, गोबर-मिट्टी का खेप, गोबर इत्यादि। " हारे से हरे से रहे हेरत हिराने से"- (यौ० में) मेल, जैसे-हलमेल । अ. श० । स० रूप-हेराना, प्रे० रूप- हेलना-१० कि० दे० (सं० वेलन ) खेल हेरवाना। करना, केलि या क्रीडा करना, हंसी-ठट्ठा हेरना-फेरना-२० क्रि० ( हि० अनु० हेरना करना। स० कि० (दे०) तुच्छ समझना, +फेरना ) परिवर्तन करना, बदलना, इधर- अवहेलना करना । अ० क्रि० दे० (हि. उधर करना, उलटना-पलटना। हिलना) घुसना, प्रवेश करना, पैठना, तैरना, हेर-फेर-संज्ञा, पु. यौ० (हि. हेरना+ पैरना, प्रविष्ट होना। फेरना ) चक्कर, घुमाव बात का प्राडम्बर, | हेलमेल-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. हिलना दाँव पेंच, कुटिल युक्ति, चाल, विनिमय, __ +मिलना) मेल-जोल, मित्रता, घनिष्टता, रूपान्तर, अदल-बदल, इधर का उधर संग-पाथ, रन्त-जन्त. परिचय सोहबत, परिवर्तन, अंतर, उलट-पलट, उलट-फेर। मिलने जुलने का सम्बन्ध । सज्ञा, पु०, वि० • दिनन के फेर सो भयो है हेरफेर ऐसो (दे०) हला-मेली। जाके हेरफेर हेरबोई हिरबो करें-ऊ० श. । हेला - संज्ञा, स्त्री. ( सं०) तुच्छ या हीन हेरवाना--स० कि० (हि. हेरना) गँवाना, समझना, तिरस्कार, क्रीड़ा, खेल, खेलवाड़, खो देना स० कि० (हि. हेरना) ढ्दवाना, केलि, प्रेम की क्रीड़ा, एक हाव, नायक खोज या तलाश करवाना, खोजवाना से मिलने के समय में नायिका की विनोद. दिखवाना। सूचक सविलास क्रीड़ा की मुद्रा (सा.) हेराना-प्रकि० दे० (सं० हरण) खो जाना. संज्ञा, पु. (हि. खेलना) मेहतर, हलालन रह जाना, पास से निकल जाना, नष्ट या खोर, मैला उठाने वाला । स्त्रो०-लिन । लुप्त होना, छिप जाना, सुधि-बुधि भूल ! संज्ञा, पु० दे० (हि. रेलना ) रेलने या जाना, फीका या मन्द पड़ जाना, तल्लीन या ठेलने की क्रिया का भाव । संज्ञा, पु० दे० तन्मय हो जाना, अभाव हो जाना । स० (हि० हल्ला) हाँक, धावा, पुकार, चढ़ाई, कि० दे० (हि. हेरना का प्रे० रूप) खोजवाना. . भाक्रमण । तलाश करवाना, हुँदवाना, दिखवाना, हेली*-अव्य० दे० यौ० (संबो० हे+ अली) बँचाना। हे सखी। संज्ञा, स्त्री० सहेली, सखी। हेराफेरी-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि. हेरना हेलीमेली--संज्ञा, पु० यौ० (हि. हेल-मेल) +फेरना ) हेरफेर, इधर का उधर होना या संगी साथी। करना. अदल-बदल, परिवर्तन, विनिमय, हेवंतसंज्ञा, पु० दे० (हेमन्त) हेमन्त ऋतु । उलट-पलट । । हैं-अव्य० (हि.) श्राश्चर्थ सूचक शब्द, ऐं. हरी * - संज्ञा, स्त्री० यौ० (संबोधन-हे--री)। अरे, निषेध या असम्मति सूचक शब्द, रोकने For Private and Personal Use Only

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