Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1917
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होला होस होला-संज्ञा, स्त्री० (सं०) होली का त्योहार । होना, दिमाग़ ठीक करना, अपने को संज्ञा, पु०-सिक्खों की होली जो हिंदुओं | सँभालना, सावधान होना। होश में की होली के दूसरे दिन होती है । संज्ञा, पु० | अाना - चेतना प्राप्त करना, ज्ञान या (सं० हालक ) भाग में भूनी हुई चने या | बोध की वृत्ति को फिर से प्राप्त करना मटर श्रादि की फलियाँ, चने का हरा दाना, सतर्क या सावधान होना । होश की दवा होरहा, होरा (दे०)। करो-बुद्धि या ज्ञान ठीक करो, समझहोलाटक-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) होली से बुझकर बोलो । (किसी के ) होश पूर्व के आठ दिन जिनमें विवाहादि कार्यो ठिकाने करना-ताड़ना श्रादि देकर उसे के करने का निषेध है, जरता बरता सतर्क और सावधान कर ठीक रास्ते पर (प्रान्ती०)। लाना। होश ठिकाने होना (ग्राना)होलिका-संज्ञा, पु० (सं०) हिरण्यकशिपु भ्रांति या मोह मिट जाना या दूर होना, की बहिन, एक राक्षसी, होली का त्योहार, बुद्धि या ज्ञान ठीक होना, चित्त की होली में जलाने का लकड़ियों श्रादि का व्याकुलता या घबराहट. मिटना सावधानी ढेर। श्राना, दंड भोग कर भूल का पश्चाताप होली—संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० हेालिका) करना ( होना ) होश संभालकर बातें फाल्गुन-पूर्णिमा के दिन हिन्दुत्रों का एक करना-परिस्थिति श्रादि समझ कर ठीक बड़ा त्योहार जब लोग होली जलाते तथा | ढंग से या सावधानी से बात करना । होश एक दूसरे पर रंग-अबीर डालते हैं, होरी उड़ाना ( उड़ा देना )-श्राश्चर्य में (दे०)। "पान वह होली है अब तक न डाल देना । होश फाख्ता (पैतरे ) कभी होली है "-। मुहा०-होली होना-होश उड़ जाना (आश्चर्यादि से) खेलना - फाग खेलना, एक दूसरे पर सुधि बुधि न रहना. स्मरण, सुधि, याद । रंग-अबीर आदि डालना। होली के दिन मुहा०-होश दिलाना ( कराना)जलाने का घास-लकड़ी आदि का ढेर, हौली याद दिलाना | होश होना-ध्यान या के दिनों में गाने का एक गीत (गग०) स्मरण होना, चेत होना । समझ, बुद्धि, फाग, फागुवा (दे०)। अक्ल । विलो०-बेहोश। होश-संज्ञा, पु० (फा० ) होस (दे०), होशियार-वि० (फ़ा०) समझदार, बुद्धिसमझ, बोध-वृत्ति, ज्ञान, अक्ल, बुद्धि, चेत, मान्, अक्लमंद, चतुर, प्रवीण, निपुण, दक्ष, चेतना, ज्ञान-वृत्ति संज्ञा। यो०-होश सचेत, कुशल, ख़बरदार, सावधान, सयाना, व हवास (होश-हवास)-बुद्धि, चेतना, | धूर्त, चालाक, जिसने होश सँभाला हो। सुधि-बुधि । मुहा०-होश उड़ना या | होशियार, हुसियार (दे०)। जाता रहना-मन या चित्त का व्याकुल होशियारी-संज्ञा, स्त्री० (फ़ा०) बुद्धिमानी, होना, सुधि-बुधि भुल जाना। होश करना अक्लमंदी, चतुराई, निपुणता, प्रवीणता, ----बुद्धि या समझ ठीक करना, सचेत या दक्षता, कौशल, ख़बरदारी, सावधानी, सावधान होना, याद करना, ध्यान या समझदारी, होसियारी, हुसियारी (दे०)। स्मरण करना । होश दंग होना-चित्त होस*-संज्ञा, पु० दे० ( फ़ा. होश ) का चकित होना, आश्चर्य से स्तब्ध होना। बुद्धि, समझ, ज्ञान, अक्ल, होश । संज्ञा, पु. होश सँभालना-उम्र बढ़ने पर सब बातें (हि. हौस ) हौंस, लालसा, कामना, समझने-बूझने या जानने लगना, सयाना | हौसला, उत्साह, साहसभरी इच्छा। For Private and Personal Use Only

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