Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1918
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १९०७ हौसला हो*-सर्व० द० (सं० महम् ) व्रजभाषा ! बैठन! ---जी में डर समाना । ( दिल में ) का उत्तम-पुरुष सर्वनाम का एक वचन, । हाल समाना- मन में भय घुप जाना। मैं । ".हों बरजो कै बार तू, उत क्यों लेत होलविल-संज्ञा, पु. यौ० (फ़ा०) दिल की करौंट "-वि० । अ० क्रि० बज. (हि. धड़कना, दिल धड़कने का रोग, कलेजे, होना ) वर्तमान काल के उत्तम पुरुष एक | का कॉपना । वि०-वह जिसका दिल वचन का रूप. हूँ। धड़कता हो. डर या आशंका में पड़ा हुआ, होकना---० कि० दे० ( हि० हुँकार ) भयभीत, सशंकित, घबराया या डरा हुआ, हु कारना, गरजना, हाँफना, डाँटना, डौंकना। व्याकुल । हउँकना (ग्रा० )। हौलदिला-वि• (फ़ा० हौलदिल) डरपोक । होस--सज्ञा, स्त्री० दे० ( अ० हवस ) हौस, हौलदिली-संज्ञा, स्त्री. (फ़ा०) दहशत, प्रबल इच्छा, चाह, कामना, लालसा, भय से दिल की धड़कन, शंका, भय । उत्साह । हौलनाक--वि० ( म० हौल +नाक-फा०) हौसला-सज्ञा, पु० दे० (अ. हौसला) भयंकर, डरावना, भयानक । हौसला, उत्कंग, लालसा, हिम्मत। होली, हउली-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० हाला हो*-अव्य० दे० (हि० हाँ) स्वीकृति सूचक गद्य ) भावकारी, कलवरिया, शराब बनने शब्द, ( मध्य प्रान्त ) हाँ हो । अ० कि० और बिकने का स्थान । दे० ( हि० होना ) सत्तार्थक होना क्रिया के हौलू-वि० दे० (प्र. होल) जिसके दिल में वर्तमान काल में मध्यम पुरुष एक वचन शीघ्र ही हौल, शंका या भय पैठ जावे । का रूप, हो होना के भूत काल का रूपथा। हौले-क्रि० वि० दे० (हि० हरुमा) शनैः, होश्रा, हौवा--संज्ञा, पु० ( अनु० हौ ) बच्चों से, धीरे, मंदगति से, क्षिप्रता या जोर के के डराना को एक कल्पित भायनक वस्तु साथ नहीं. हलके हाथ से । " हौले हौले का नाम, हाऊ, भकाऊँ। संज्ञा, स्त्री० दे० जाते है पिव अपने के पास"। (म० होवा ) हज़रत श्रादम की स्त्री, हौवा। हौवा-संज्ञा, स्त्री० (अ.) मानव जाति की होज -- सक्षा, पु. (अ.) पानी का कुंड, आदि माता, हजरत आदम ( आदि पुरुष) चहबच्चा, होज (दे०)। की स्त्री, स्त्री जाति की आदि स्त्री मुल.)। हौद-संज्ञा, पु० (दे०) हाथी या हौदा, पानी संज्ञा, पु. ( हि० हौत्रा) हाऊ, होश्रा का हौज। भकाऊँ (प्रान्ती०)। होदा--सज्ञा, पु० दे० ( फा० हौजः) अम्बारी, होस-पंज्ञा, स्त्री० दे० ( म० हवस ) हौंस चारो ओर रोकवाला हाथी की पीठ पर ! (दे०) चाह, कामना, लालसा, प्रवल इच्छा कसने का बैठने को श्रासन, हउदा, नाँद । उमंग, उत्सुकता, हौसिला, उत्साह, साहस, हौज़, मिट्टी का बड़ा पात्र । हत्किंठा, हुलास । होगा-संज्ञा, पु. ( अनु० हाव हाव ) को- होसला-संज्ञा, पु० (अ०) हवस, अरमान, लाहल, शोर-गुल, रौला, हल्ला। कामना, उत्कंठा, हौंस, हौसिला (दे०) होरे होरे--कि. वि. (व.) धीरे धीरे, । लालसा, किसी कार्य के करने की हर्षो धीरे से, रसे रसे, रसे से, हौले-हौले।। रकंठा, उत्सुकता, हिम्मत, साहस । मुहा० हौल-संज्ञा, पु. (म.) भय, डर, दहशत । | --हौसिला निकलना-अरमान निका" लाहौल बिला कूवत यह कौन वशर है" | लना, हौंस या इच्छा पूरी होना । उत्साह, -स्फ० । मुहा०-हौल पैठना या मोश । मुहा०-होसला पस्त होना For Private and Personal Use Only

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