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सुधानिकेत, सुधानिकेतन १७८८
सुनबहरी किसी दूसरे से कराना, दुरुस्त या ठीक सुधासदन-सुधासम-संज्ञा, पु. यौ० (सं०)
चन्द्रमा। कराना, लग्न या जन्मपत्र लीक कराना, सोधाना।
| सुधि-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शुद्धबुद्धि) याद, सुधानिकेत, सुधानिकेतन-ज्ञा, पु० यौ। स्मृति, स्मरण, समाचार, ख़बर, पता, सुध (सं०) चन्द्रमा, सागर।
(दे०)। " खेलत रहे तहाँ सुधि पाई "सुधानिधि-संज्ञा, पु० यौ० (०) सुधा
रामा। निकेत, चन्द्रमा, समुद्र, क्रमले १६ बार
सुधियाना-स० क्रि० दे० (हि. सुधि) सुधि गुरु और लघु वर्ण वाला, दंडक छंद का एक
करना, याद करना। "मानौ सुधियात कोज भेद, (पिं०) । "प्रकटी सुधानिधि सों यह
भावना भुलाई है"---रामा। सुधानिधि साथ सुधानिधि सुखी भई |
सुधी-संज्ञा, पु. (सं०) बुद्धिमान, विद्वान,
पंडित । वि० (सं०) चतुर, प्रवीण, बुद्धिमान, सुधानिधिवाम है"-कु० वि०।
समझदार, धार्मिक । सुधापाणि-संज्ञा, पु. यौ० (०) पीयूषपाणि, धन्वंतरि । वि० यौ० (सं०) जिसके |
सुधेश- संज्ञा, पु० यौ० (सं० सुधा - ईश) हाथ में सुधा की सी शक्ति हो।
चन्द्रमा, सुधेश्वर।
सुनंदिनी-संज्ञा, खो० (सं०) स, ज, स, न सुधामयूख-संज्ञा, पु० यौ० (सं.) सुधाकर, चन्द्रमा, सुधामरीची।
(गण) और एक गुरु वर्ण वाला एक वर्णिक
छंद, प्रवोधिता, मंजुभाषिणी (पिं०)। सुधायोनि-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) चन्द्रमा । सुधार-संज्ञा, पु० दे० (हि सुधारना)
सुनकातर-संज्ञा, पु. (दे०) एक प्रकार का
मटमैला साँप। संस्कार, संशोधन, सुधारने का भाव । संज्ञा, वि० दे० (हि. सीधा) सीधा-त्री० (हि.)
सुनकिरवा- संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि.
सोना---किरवा = कीड़ा ) एक कीड़ा जिसके सुन्दर धारा, सुधारा।।
पंख सोने के रंग से होते हैं। सुधारक --संज्ञा, पु० (हि० सुधार - क-प्रत्य०)।
सुनखी-वि० (सं०) सुन्दर नख वाला। दोषों और अटियों का सुधार करने वाला,
सुनगुन-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. सुनना--गुन) संशोधक, धार्मिक या सामाजिक सुधारों में
भेदभाव, सुराग, खोज, टोह, कानाफूसी। प्रयत्नशील। सुधारना-स० क्रि० (हि. सुधरना) दोषों या
सुनत-सुनति*-संज्ञा, स्त्री० दे० (अ.
सुन्नत) सुन्नत, मुसलमानी। “सेवा बीन अटियों का मिटाना, बुराई दूर करना, संशो
होतो तो सुनति होति सब की"-भूष० । धन करना, ठीक करना, बिगड़े को बनाना।
सुनना-स० क्रि० दे० (सं० श्रवणा) श्रवण वि०-सुधारने वाला । स्रो०-सुधारनी।
करना, कानों से किसी की बात पर ध्यान सुधारश्मि-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सुधाकर,
देना, भली बुरी बातें सुन कर मह लेना, चन्द्रमा।
शब्द-ज्ञान करना। मुहा०-सुनी-अन. सुधारा-वि० दे० (हि० सूधा ) सीधा,
सुनी करना या कर देना-सुन कर भी सरल, निष्कपट । संज्ञा, स्त्री. (हि०) सुन्दर
उसकी ओर ध्यान न देना। स० रूपधारा, सुधार।
सुनाना, सुनावना, सुनवाना। सुधालय-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सुधाकर, सुनका--संज्ञा, पु० दि०) एक ग्रह योग चन्द्रमा।
(ज्यो०)। विलो०-अनफा। सुधाश्रवा--संज्ञा, पु० दे० (सं० सुधा + स्रवण) सुनवहरी-संज्ञा, स्रो० ३० यौ० (हि० सुन्न+ अमृत की वर्षा करने वाला, सुधावर्षी। बहरी) यह रोग जिसमें सारा शरीर शून्य हो
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