Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1902
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हिराती १८६१ हिलाना हिराती-संज्ञा, पु० (हिरात देश ) हिरात | हिलकोरना-९० क्रि० (हि०) लहराना, प्रदेश का घोड़ा जो गरमी में भी नहीं । तरगित करना। थकता, हिरात का निवासी, हिरात संबंधी। हिलग---संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० हिलगना ) हिराना-अ. क्रि० दे० (सं० हरण ) | परिचय, प्रेम, संबंध, लगाव, लगन । हराना (दे०) न रह जाना, गुम या गायब हिगना-अ० क्रि० दे० ( सं० मधिलग्न ) हो जाना, मिटना, खो जाना, अति चकित ! फंपना, टॅगना. लटकना, अटकना, बझना, होना, दूर होना, अपने को भूल जाना। परचना, हिलमिल जाना। अ० कि० दे. स० कि० (दे०) भूल जाना, ध्यान में न । सं० हिरुक - पास ) समीप होना, हिरकना रहना, विस्मरण हो जाना । स० रूप.- सटना. था भिड़ना। हिरावना। हिलगाना-स० क्रि० दे० ( हि० हिलगना) हिरावल --- संज्ञा, पु. दे. (अ. हरावल ) लटकाना. अटकाना, फँसाना, टाँगना, सेना का अग्र भाग, हरावल । बझाना, मेल जोल में करना. परचाना, हिरास-संज्ञा, सो० (अ०) निराशा, ना- अनुरक्त और परिचित करना । स० कि० दे० उम्मैद । संज्ञा, पु० (दे०) हास, हरास । (सं० द्विरुक ) समीप लाना. सटाना। वि०-निराश, दुखी। "यों कहि सुमंत | हिलना--अ० क्रि० दे० (सं० हल्लन ) कंपित हिय है हिरास "-रामसा० । " वय या चलायमान होना, हरकत करना, विलोकि हिय होत हिरासू"-रामा०। । डोलना, स्थिर न रहना। मुहा० यौ०हिरासत-संज्ञा, स्त्री. (अ.) कैद. बंदी, हिलना डोलना-कंपित या चलायमान नज़रबंदी, पहरा-चौकी । " खुश हुमा होना, 'चलना फिरना, घूमना, प्रयत्न या बुलबुल हिरासत से छुटा"--स्फु०। उद्योग करना । सरकना, हटना, टलना हिरौंजी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अ० हिरमजी) चलना, कंपित होना, दृढ़ या स्थिर न लाल रंग की एक मिट्टी। रहना जमकर न बैठना ढीला या शिथिल हिरौल* --संज्ञा, पु० (दे०) हरावल (अ०) होना, भूमना, पैठना लहराना ( पानी में ) सेनाग्रभाग। धंसना या प्रवेश करना. हैलना (ग्रा०)। हिर्स-संज्ञा, स्त्री० (अ.) लोभ, तृष्णा, अ० कि. ( हि० हिलगना ) परचना, अनुरक्त लालच, मनोवेग, स्पर्धा । " हिर्स कर और परिचित होना । स० रूप-हि नाना। वाती है रोबा बाजियाँ सब वर्ने याँ "- | यौ-हिलना-मिलना -घनिष्ट मेलमीर० । मुहा०-हिर्म छुटना (होना )। जोल या सबध रखना । " हिल-मिल जानै -लोभ या लालच होना, किसी की देखा | तामों हिल-मिल लावै हेत"-ठाकुर । देखी किसी काम के करने की अभिलाषा | अ० कि. (दे०) धुपना, प्रवेश करना, पैठना या इच्छा, स्पर्धा । (विशेषतया जल में)। हिलकी*--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० हिक्का ) हिलसा संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० हल्लिश ) हिवकी, सिसक, सिसकने का शब्द । | एक तरह की मछली। "जागत हू पिय हिय लगी हिलकी तऊ न । हिलाँव --वि० दे० (हि. हिलना ) हिलने नाय"-मति। या धंसने-योग्य ( जल में)। हिलकोर-हिलकोरा-संज्ञा, पु० दे० (सं० हिलाना--स० कि० दे० (हि• हिलना ) हिल्लोल ) लहरी, लहर, तरंग, मौज, कंपित करना त देना, डुलाना, हिलोर, हलकोर, हलकोरा (दे०)। in चलायमान करना, हटाना, For Private and Personal Use Only

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