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हुँकारना
हुँकारना - अ० क्रि० दे० (सं० हुँकार + नाहि० - प्रत्य० ) गरजना, डाँटना, उपटना, चिल्लाना, चिग्घाड़ना, हुँकार शब्द करना, गाय आदि का प्रेम से बोलना ।
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हुँकारी - संज्ञा, स्त्री० (भनु हुँ हुँ + करना ) हाँ हाँ करना, स्वीकृति-सूचक शब्द हामी, हुँकार करने की क्रिया । संज्ञा, पु० बिकारी । मुहा० - हुँकारी भरना - हाँ करना, स्वीकार करना ।
हुँडार -- संज्ञा, पु० (दे०) भेड़िया । हुँडी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) विधिपत्र, लेखपत्र, चेक (अ०), वह लेख जिसे एक महाजन दूसरे को लिखकर किसी अन्य को रुपये के बदले में रुपया दिलाता है । मुह० हुँडी करना - किसी के नाम हुँड । लिखना । हुँडी खड़ी रखना (रहना) - हुंडी के रुपयों का देना स्वीकार न करना ( होना), हुंडी न सकारना (सकरना) । हुँडी चुक करना ( चुकाना ) - हुंडी का रुपया देना । यौ० हुँडी पुरजा | मुहा०-हुँडी सकारना - हुंडी का रुपया देना स्वीकार कर लेना । यौ०-दर्शनी हुँडी--वह हुंडी जिसके दिखाते ही तुरंत रुपया देने या चुकाने का नियम है | रुपया उधार देने की एक रीति जिसमें १५, २०), या २५) वार्षिक लेने वाले को देना पड़ता है । हुँत - प्रत्य० दे० ( ० विभक्ति हिंती ) प्राचीन हिंदी में तृतीया और पंचमी की विभक्ति, से खातिर निमित्त, वास्ते, लिये, द्वारा, ज़रिये, कान, हित, हेतु, हुँने अव्य० (प्र० हित्तो ) से, द्वारा, घोर या तरफ़ से ।
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हु - अव्य० दे० ( सं० उप ) अतिरेकसूचक शब्द भी, कथित के अतिरिक्त और भी । " हमहु कहब अब ठकुर सुहाती "
- रामा० ।
हुमाना- हुवाना- अ० कि० दे० ( अनु० हुआ या हुवा ) स्यारों की बोली की नक़ल
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हुक्म
करना, गीदड़ों का बोलना, हुआ हुआ
करना ।
हुक - संज्ञा, पु० दे० (अ० ) टेढ़ी कँटिया | हुकरना - अ० क्रि० दे० ( हि० हुँकारना ) हुँकारना, हुँकरना |
हुकारना - अ० क्रि० दे० ( हि० हुंकारना ) हुँकारना ।
हुकुम - पंज्ञा, पु० दे० ( ० हुक्म ) श्राज्ञा, श्रादेश, निर्देश, निदेश ।
हुकूमत - संज्ञा, स्त्री० (०) शासन, प्रभुत्व, प्राधिपत्य, अधिकार । मुहा०-- (किसी की) हुकूमत चलना - किसी का प्रभुत्व होना, उसकी श्राज्ञा मानी जाना । हुकूमत चलाना - प्रभुत्व या अधिकार से काम लेना । हुकूमत जताना ( दिखाना ) - प्रभुत्व या रोब दिखाना, बड़प्पन
अधिकार प्रकट करना । राज्य, राजनीतिक श्राधिपत्य शासन ।
हुक्का - संज्ञा, पु० ( ० ) तम्बाकू पीने या उसका धुवाँ खींचने का विशेषाकार-प्रकार वाला एक नल यत्र फरशी गड़गड़ा | हुक्का पानी-संज्ञा, पु० यौ० ( अ० हुक्का + पानी हि० ) एक दूसरे के हाथ से साथ बैठकर जलपान या खाना पानी करने या हुक्का तम्बाकू श्रादि खाने-पीने का व्यवहार, विरादरी या भैया चारे की रीति- रस्म । मुहा० - हुक्का-पानी करना - जल-पान करना, मेल करना | हुक्का-पानी बंद करना - बिरादरी से थलग करना । हुक्कापानी न होना - बिरादरी में न रहना, जाति स्युत होना, जाति या समाज से अलग होना ।
हुक्काम संज्ञा, पु० ( ० ) हाकिम का बहु वचन, शासक लोग, अधिकारी वर्ग | हुक्म संज्ञा, पु० ( ० ) श्राज्ञा, आदेश, गुरुजनों के वे वचन जिनका पालना कर्तव्य हो, हुकुम (दे० ) । मुहा० - हुक्म उठाना - श्राज्ञा रद करना, श्राज्ञा भंग करना,
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