Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1907
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हुक्म-नामा हुताशन आदेश पालन करना । हुम की तामील हाकिम की कचहरी, बहुत बड़े लोगों के -आज्ञा पालन । हुक्म चलाना या संबोधन का शब्द । " हुजूर बैठे हैं ख्वाजा जारी करना-प्राज्ञा या आदेश देना। खड़े मिले हैं रुमाल'–पौदा । (बैठे बैठे) हुक्म चलाना-शासन साहुज़री-संज्ञा, पु. (अ. हुजूर ) दरबारी, करना, रोब से आज्ञा देना, प्रभुत्व दिखाना। मुसाहिब, खास सेवा में रहनेवाला दास (किसी का) हुक्म चलना-प्रभुत्व या नौथर । “ हुजूरी गर तुमी ख्वाही अजी या शापन होना। हुक्म तोड़ना - प्राज्ञा | ग़ाफिल मशब हाफ़िज़-हाफ़िज़ । यौ०भंग करना । हुम देना ( लेना)- हाँ-हुजूर-सेवक, चापलूप। मुहा०आज्ञा देना, (लेना । हुक्म बजाना हाँ हुजरी करना-सेवा में रह प्राज्ञा या बजा लाना-प्राज्ञा मानना या पालन पालना, चापलूसी करना। करना । हुम मानना-प्राज्ञा स्वीकृति, । हुजन-संज्ञा, स्त्री० (अ०) विवाद. झाड़ा, आज्ञा पालन करना, श्राज्ञा स्वीकार करना । व्यर्थ का तर्क, तकार। “हुन्जती तकरार अनुमति, स्वीकृति, इजाज़त, अधिकार, हमको कुछ नहीं है हुक्म से' -कु० वि० । शासन, प्रभुत्व, नियम, विधान, शिक्षा, हुन्ज ती वि० ( अ० हुज्जत्त ) हुज्जत या विधि व्यवस्था, ताश का एक रंग। तकरार करने वाला, व्यर्थ तर्क या विवाद हुक्म-नामा-सज्ञा, पु० यौ० ( अ० हुक्म + करने वाला। नामः फ़ा० ) आज्ञा-पत्र, प्रादेश-पत्र, हुक्म हुडकना, हुइकना - अ० कि० दे० (हि. लिखा कागज़, हुकुमनामा (द०)। हुड़क) भयभीत और दुखी होना, तरसना, हुक्म बरदार-सज्ञा, पु० यौ० अ० हुक्म + याद में विफल होना, स्मरण करना । स० वरदार फा०) आज्ञाकारी, सेवक, नौकर, रूप-हुड़काना, प्रे० रूप-डकवाना। प्राधीन दास । सज्ञा, स्रो०--हुक्म-बर- हुड़दा-दु दंगा-संज्ञा, पु० दे० (अनु० दारी। हुड़+ दंगा-हि. ) उत्पात, उपद्रव, बखेड़ा, हुक्मा-वि० ( अ० हुक्म ---ई फा०-प्रत्य०)। हुरदंग (दे०) घमा-चौकड़ी (प्रान्ती० )। पराधीन, प्राज्ञानुवर्ती, सेवक, नौकर, दाप, हुडुक-पज्ञा, पु० दे० (सं० हुडुक ) एक अवश्य प्रभाव करने वाला, अचूक, अमोब, बहुत छोटा ढोल ।। अव्यर्थ, अवश्य कर्त्तव्य, ज़रूरी, लाजिमी, हुडुन -सज्ञा, पु० दे० ( सं० हुडुक्क ) छोटा अनिवार्य, श्रावश्यक। ढोल। हुक्मरां-- वि० (फा०) प्रभुत्व वाला । मुहा० हुडुडुवा-संज्ञा, पु० (दे०) कबड्डी का खेल । -हुक्मरां हाना-शासक होना, हुकूमत हुढका*-सज्ञा, दे० (हि. हुडुक ) हुडुक । करना। हुत- वि० (स०) हवन किया या पाहुति हुक्मरानी-संज्ञा, स्त्री. ( फ़ा० ) शासन, दिया हुआ । अ० कि० होना किया के भूत. अधिकार । " बहुत दिन तक करै वह काल का पुराना रूप, था। हुक्मरानी ताकि हम सब पर"। हुता, हुता*-० कि०व० (हि. हुत ) हुजूम-सज्ञा, पु. (अ.) भीड़ जमघट । हता, हतो (दे०) होना क्रिया के भूतकाल " खटमलों का चारपाई पर हुआ ऐसा का प्राचीन रूप (अव०) था । स्त्री-हुती। हुजूम"--प्रक०। हुताशन-संज्ञा, पु. (२०) श्राग, अग्नि, हुजर-झा, पु. (अ.) समक्षता राज दर हुतासन (द०) । " हुताशनश्चंदन पकबार, किसी बड़े का सामीच, शाही दरबार, | शीतलः "- भो० प्र० । For Private and Personal Use Only

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