Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1817
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - सुहाल १८०६ सुहाल--संज्ञा, पु० दे० (हि. सुहारी )| ब्रज में करण और भापदान कारक का एक प्रकार की नमकीन पूढी या पकवान । चिह्न, से, सों, सों। सहाव*- वि० दे० (हि० सुहावना) सुहावना, | सँगग-संज्ञा, पु. (दे०) भैंस का बछड़ा, प्रिय । संज्ञा, पु. (सं० सु- हाव, सुन्दर पड़वा।। हाव। सँघना-स० कि० दे० ( सं० सघ्राण ) महक सुहावता -- वि० दे० (हि० सुहावना) या बास लेना, सुगंधि लेना । मुहा० - सुहावना. अच्छा लगने वाला। सिर सँघना-मंगल कामना या प्रेमादि सुहावन-सुहावना*- वि० दे० (हि० । से बड़े लोगों का छोटों का सिर संघना । सुहाना ) मनोरम, अच्छा लगने वाला, बहुत ही कम भोजन करना (व्यंग), साँप सुन्दर, शोभित, प्रिय, प्रिय दर्शन । स्त्री० का काटना। --- सुहावनी । अ० कि० सुहाना. अच्छा सँघनी सँघनी --संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० संघना) लगना। हुलास, नास। सुहावल - संज्ञा, पु० (दे०) सहावल । सँवा --संज्ञा, पु० द. (हि. सँधना ) वह सुहावला* --- वि० दे० (हि. सुहावना ) पुरुष जो केवल सूंघकर बतावे कि इस सुहावना, सुन्दर, अच्छा लगने वाला। स्थान पर पृथ्वी के नीचे पानी है या धन, सुहावा- वि० दे० ( हि० सुहावना ) शोभित, जासूम, भेदिया। प्रिय, सुहावना, सुन्दर, मनोरम । " मध्य सँट- संज्ञा, स्त्री० (दे०) मौन, चुप्पी, अवाक। बाग़ सर मोह सुहावा "- समा० सँड-सडि--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० शुगड ) सुहास-वि० (सं०) मधुर या सुन्दा हँसी हाथी की लंबी नाक, शंडावंड. शुड ।। घाला । स्त्री०-सुहामा । संज्ञा, पु० (सं०) सँडी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( पं० शडी ) एक सुन्दर हास। प्रकार का छोटा कीड़ा। पु.---जडा।। सुहासी-वि० (सं० सुहासिन् । सुन्दर या सँग-सूल-संज्ञा, पु० दे० (मं० शिशुमार) मधुर हसो वाला, चारुहासी, अच्छा हँसने सूईम, सुइस (ग्रा०) । मगर की जाति का वाला । स्त्री० -~-मुहासिनी। । एक बड़ा जल जंतु। सुहृत्-सुहृद --संज्ञा, पु० (सं०) मित्र, सखा, सूह-अव्य० दे० (सं० सम्मुख) सम्मुख, साथी, जिसका मन अच्छा हो। संज्ञा, सामने, आगे, मोह (व०) । स्त्री०-सुहृत्ता। विलो०-दहा-दुहृद। सही--संज्ञा, पु० (दे०) एक प्रकार का रंग। " सहज सुहृद् बोली मृदुबानी-रामा। सूअर, सुअर -- संज्ञा, पु० दे० (सं० शूकर) " सुहृद् दुहृदौमित्रामिलनयो । सुवर, सूकर (दो भेद १-बनैला, २-पालतू ), सुहेल --- संज्ञा, पु. (अ.) एक शुभ तारा एक गाली, एक स्तन-पायी जंतु । स्वी.---- ( खगो० ) । वि.--शुभ, सुखद, सुन्दर ।। सुहेलरा-वि० दे० (सं० शुभ ) सुन्दर, सूत्रा, मुया--पंज्ञा, पु. ६० (सं० शुक) सुहावना, सुखद। शुक सुवा (दे०) सुग्गा, तोता । संज्ञा, पु. सुहेला - वि० दे० ( सं० शुभ ) सुन्दर, दे० (हि० सूई) बड़ी सूई, सूजा। सुहावना, सुखद, रुचिर । संज्ञा, पु० ---- स्तुति, सूई--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० सूची) एक ओर मांगलिक गीत । छोटे छेद तथा दूसरी ओर नोकदार, एक सं*---अव्य० दे० ( सं० सह ) पश्चिमीय पतले तार का टुकड़ा जिससे सीने हैं। For Private and Personal Use Only

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