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हवनीय १८७५
हवादार हवनीय-वि० (सं०) हवन के योग्य 1 संज्ञा, धाक होना. विश्वास या प्रादर न रहना,
पु. हवन के समय अग्नि में डालने की वस्तु।। नष्ट करना, बदनामी करना, शंकित करना, हमलदार-संज्ञा, पु. ( श्र० रावल - फा० संक्रामक रोग फैलना, रीति या चाल दार ) सेना का सबसे छोटा अफ़सर या बिगड़ना, बुरे विचार फैलना । (किसी की) सरदार, राज-कर वसूल करने तथा फसल | हवा बिगाड़ना-सेखी या रोब बिगाड़ना। की निगरानी करने वाला अफापर ( शाही | हवा सा-बहुत ही बारीक या हलका । समय में ) । संज्ञा, स्त्री० --हवनदारी। हवा से लड़ना-अकारण लड़ना। हवा हवस-संज्ञा, स्त्री० (०) चाह, इच्छा, से बातें करना - बहुत वेग से चलना या होम, लाल सा, तृष्णा, कामना । "न रह | दौड़ना, गप उड़ाना, व्यर्थ आप ही श्राप नाये हवस दिल में हमारे"-हरि०। बहुत बोलना, अभिमान होना । (किसी हवा–संज्ञा, स्रो० (१०) पवन, वायु, की ) हवा लगना-किसी की सगति भू-मण्डल के चारों ओर फैला हुआ प्रवाह . का प्रभाव होना । हवा हो जाना-प्रति रूप प्राणियों के जीवन के लिये श्रावश्यक वेग' या शीघ्रता से भाग जाना, रह न एक सूचम पदार्थ । मुहा० - हवा उड़ना--- जाना, एक बारगी छिप या लुप्त हो जाना । खबर फैलना । हवा और होना- हवा भूत प्रेत, ख्याति, अच्छा नाम, प्रसिद्धि, बदलना। हवा करना--पंखा हाँकना, उत्तम व्यवहार या बड़प्पन का विश्वास, उड़ा देना, रद्द करना । हवा के घोड़े साख । मुहा०-हवा बंधना ( बाँधना) पर सवार - बहुत ही उतावली या जल्दी अच्छा नाम हो जाना, साख या रोब होना। में। हवा खाना--टहलना, शुद्ध पवन हवा ढीली होना (करना)-चकित या सेवन के हेतु घर से बाहर जाना, घूमना, भयभीत होना (करना) । यौ०-हवाखोरी सैर करना, घूमना फिरना, भ्रमण करना, --सैर-सपाटा, हवा खाना, किसी बात की अकृत कार्य होना । (जायो) हवा खाना धुन या जनक ।। (सानो)--निराश लौट जाना। हवा हवाई-वि० ( अ० हवा ) वायु-सम्बन्धी, पीकर ( खाकर ) रहना- भोजन बिना वासु का. हवा में चलने वाला, झूठ या रहना (व्यंग्य में भी)। हवा निकल जाना। कम्पित, निर्मल, निराधार । संज्ञा, स्त्री
--आश्चर्य से स्तम्भित या चकित हो | एक प्रकार की प्रातिशबाज़ी, वान, जाना, डर जाना, शंकित हो जाना। आनमानी। 'हा' -ह पर हवाइयाँ हवा बताना-टाल देना, वंचित रखना। उड़ना-मुँह का रङ्ग फीका पड़ जाना, (किसी की) हवा बंधना · रङ्ग जमना, विवणता होना। रोब या धाक होना, विश्वाय या सम्मान हवा-चकी-मज्ञा, स्त्री० दे० (अ. हवा+ होना। हवा बाँधना-शेखी हाँकना, गप हि चको) वायु बज से चलने वाली पाटा हाँकना या उड़ाना धाक या रोब जमाना पीसने की चक्की। रङ्ग जमाना, लंबी-चौड़ी बात करना । हवाई जहाज --संज्ञा, पु. यौ० (१०) हवा पलटना (फिरना या बदलना)- वायुयान, हवा में चलने वाला जहाज । दूसरी ओर को हवा चलने लगना, दूसरी हवादार-वि० [फा०) वह मकान जिसमें श्रवस्था या स्थिति (दशा) होना, परिस्थिति वायु के आने-जाने का मार्ग. द्वार या या हालत बदलना। हवा बिगड़ना - खिड़कियां हों। संज्ञा, पु०-बादशाहों की रोब या धाक कम होना, विश्वास या सवारी का एक हलका तख़्त ।
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