Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

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Page 1897
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - हिंडोल-हिंडोला १८८६ हिंसा राग, हिडोरना । "हिंडोरो झूलत गोकुल- वाला। संज्ञा, स्त्री-भारत की भाषा, चंद"-सूर०। हिन्दुस्तान की सामान्य व्यवहारिक बोली हिंडोल-हिंडोला-संज्ञा, पु० दे० (सं० । या भाषा। "पढ़े फारसी, हिन्दुस्तानी हिंदोल) हिंडोला, एक राग, पालना, मूला, | राजा भल पढ़ये परिमाल "-श्रा० खं० । ऊपर नीचे घूमने वाला चक्कर जिसमें बैठने | हिंदू-संज्ञा, पु. ( फा० ) भारत वासी, को मंच लगे रहते हैं। वेद-स्मृति. पुराणादि का मतानुयायी भारतहिंडोलना-संज्ञा, पु. ( सं० हिंदोल ) वासी थार्य-संतान. श्राय । हिंडोला, पालना, झूला, हिंडोरना। हिंदूपन-संज्ञा, पु० दे० (फा० हिंदू+पन हिताल-संज्ञा, पु. (सं०) छोटी जाति का हि०-प्रत्य० ) हिन्दू होने का भाव या खजूर । “कहुँ ताल, ताल, तमाल-तरु | गुण, हिन्दुत्व । हिंताल अरु करवीर हैं"। हिंदोस्तान-संज्ञा, पु० दे० (फा० हिंदुस्तान) हिंद-संज्ञा, पु. ( फ़ा० ) भारतवर्ष, भरत- भारतवर्ष, आर्यावर्त । वि० हिंदोस्तानी। खंड, हिन्दुस्तान, आर्यावर्त । हिंयाँ, हिन*-अध्य० दे० ( सं० अत्र ) हिंदवाना, हिंदुवाना-संज्ञा, पु० दे० | यहाँ, यहाँ पर। (फा० हिंद+वान) तरबूज, कलींदा, हिद्वाना हिंव-संज्ञा, पु० दे० (सं० हिम) बर्फ, तुषार । (दे०)। संज्ञा, पु० दे० (सं० हृदय ) हृदय, दिल । हिंदवी-संज्ञा, स्त्री० (फा०) हिंदी भाषा। हिवार, हिवार-संज्ञा, पु० दे० (सं० हिंदी-वि० (फा० ) भारतीय, हिन्दुस्तान हिमालि ) पाला, हिम, बर्फ़ । “ कृष्ण का । संज्ञा, पु.-भारतवासी, हिन्द या समीपी पांडवा गले हिवारे जाय' --कबी. हिन्दुस्तान का रहने वाला। संज्ञा, स्त्री०- हिंस-संज्ञा, स्त्री. (अनु० हिं २) घोड़ों हिन्द के उत्तरीय प्रधान भाग की भाषा के बोलने का शब्द हिनहिनाहट । जिसमें कई बोलियाँ हैं और जो समस्त हिंसक-संज्ञा, पु० (सं०) घातक, हत्यारा, देश की सामान्य राष्ट्र-भाषा है, भारतीय मार डालने वाला, हिंसा करने वाला, हिन्दी भाषा. नागरी भाषा। बुराई या हानि करने वाला, पशु-बधक, हिंदुस्तान-संज्ञा, पु० (फा०) दिल्ली से शत्र, बधिक। पटने तक का भारत का उत्तरीय मध्य भाग, हिंसन --संज्ञा, पु. (सं०) जीवों को मार भारतवर्ष, भरत-खंड, आर्यावर्त । डालना या वध करना, सताना, संताप या हिदुस्तानी-वि० ( फ़ा०) भारतवर्षीय, दुख देना, जान मारना, अनिष्ट करना या भारतीय। संज्ञा, पु०-हिन्दुस्तान-निवासी, चाहना, पीड़ा पहुँचाना। वि. हिंसनीय भारतवासी। संज्ञा, स्त्री०-भारत की भाषा, हिसित, हिस्य। बोल-चाल की वह व्यवहारिक हिन्दी हिंसना-अ० क्रि० (दे०) घोड़े का हिन. जिसमें न तो अनेक फारसी-अरबी के और हिनाना। स० क्रि० (दे०) मारना, वध न बहुत संस्कृत के शब्द हों। करना। हिंदुस्थान-संज्ञा, पु० दे० यौ० (फा० हिंसा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) जीवों का वध हिंदुस्तान) हिन्दुस्तान,भारतवर्ष. भरत-खंड। करना या मार डालना, सताना, कष्ट या हिंदुस्थानी- वि० दे० ( फ़ा० हिन्दुस्तानी)। दुख देना, पीड़ा पहुँचाना, बुराई करना या हिन्दुस्तानी, भारतवर्षीय । संज्ञा, पु. भारत- चाहना, शरीर और प्राणों का वियोग करना वासी, हिंदुस्तान का बाशिंदा या रहने ही हिंसा है। "हिंसा महा पाप बतरायो"। For Private and Personal Use Only

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