Book Title: Bhasha Shabda Kosh
Author(s): Ramshankar Shukla
Publisher: Ramnarayan Lal

Previous | Next

Page 1883
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हलकंप १८७२ हलदियाइंध चलाना । एक अत्र ( बलराम )। संज्ञा, हलकाई-संज्ञा, स्रो० ( हि० हलका ) पु० (प्र०) गणित करना, हिसाब लगाना, हलकापन, हलुकई, हलुकाई। किसी समस्या का उत्तर निकालना, मिश्रण, हलकान -वि० दे० ( ० हैरान ) हैरान, मिलाना । मुहा०-हल होना ( करना) परेशान, तंग, हलाकान ।। मिलना, मिलाना। हलकाना-अ० कि० दे० ( हि० हलकाहलकंप-संज्ञा, पु० यौ० दे० (हि. हलना, ना-प्रत्य०) हलका होना, बोझा कम हिलना-कंप = काँपना ) हलचल, हड़कंप, होना । स० क्रि० (हि. हलकना ) लहराना, सर्वत्र फैली हुई घबराहट । मुहा० हल हिलोरें देना। स० क्रि० (हि. हिलगना ) हिलगना, उलझना लुटकना ।। कंप मचना ( मचाना)। हलकापन--संज्ञा, पु. (हि० हलका --पनहलक-संज्ञा, पु० ( अ०) गले की नली, प्रत्य० ) लघुता नीचता, तुच्छता, श्रोछागला, कंठ। मुहा०-हलक के नीचे पन, हेठी, अप्रतिष्ठा, हलका होने का भाव । उतरना-- पेट में जाना, ( बात का ) मन | में बैठना। हलकारा, हरकारा --संज्ञा. पु. दे. (फा० हरकारः ) पत्र वाहक, हरकारा. हलकई--संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० हलका चिटठीरमाँ, दुत । -ई - प्रत्य०) हलकापन, तुच्छता, ओछा. हलकोरना-स० कि० (हि. हलकोरा) पन, अप्रतिष्ठा, हेठी, हलुकई (दे०)। समेटना, बटोरना, हलोरना, हिलाना, हलकना --अ० कि० दे० ( सं० हल्लन ) लहराना, हलकाना। पानी आदि द्रव पदार्थों का हिलना-डोलना हलकारा --संज्ञा, पु. ( अनु०) लहर, या शब्द करना, लहराना, हिलोरें लेना, तरंग, झोंका। हिलना, दीपक की लौ का झिलमिलाना, हलकौवा- संज्ञा, पु. (ग्रा.) कंपन, लहर। लहकना (ग्रा०) । संज्ञा, पु० (दे०) हलका। हलचल-संज्ञा, स्त्री० यौ० ( हि. हलना+ स्रो०-हलकनि। चलना ) जनता में फैली अधीरता, घबराहट, हलका-वि० दे० (लघुक) तौल में जो भारी शोरगुल, खलबली, धूम, दौड़-धूप. कंपायन हो, जो गहरा या गादा न हो, जो चट मान, विचलन, दंगा, उपद्रव । मुहा०कीला न हो, पतला, उथला, जो उपजाऊ हलचल मचना (मचाना )-हुल्लड़ न हो, हरुघा, थोड़ा, कम, मंद, जो ज़ोर का होना (करना), शोर-गुल हाना (करना)। या ऊँचा न हो (शब्द ), आसान, सुख वि.-हिलता या डगमगाता हुमा, कंपायसाध्य, निश्चित. ताजा, पतला, घटिया, | मान, कंपित । महीन, छंछा, रिक्त, खाली, तुच्छ, नीच, हलद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० हरिद्रा) हलदी। भोला, टुचा स्त्रो --हलकी । मुहा० -- हलद-हात, हलद हाथ-सज्ञा, स्त्री० दे० हलका करना--तुच्छ ठहराना, अपमानित यौ० (हि० हलद + हाथ ) व्याह में हलदी करना । हलके हलके-धीरे धीरे। सज्ञा, से हाथ पीले करने की रीति. हरदहाथ पु० दे० ( अनु० हलहल ) लहर, तरंग। हलका-संज्ञा, पु० (अ.) मंडल, गोला, हलदिया-संज्ञा, पु० (दे०) एक प्रकार का वृत्त, परिधि, गोलाई. घेरा, मण्डली, दल- विष. एक रोग जिसे पीलिया (पांडु) कहते वृन्द, झंड, हाथियों का झंड, किसी हैं जिसमें शरीर पीला हो जाता है। कार्यार्थ निर्धारित कई गाँवों या नगरी हदियाइँध, हरदियाइँथ-ज्ञा, सी. का समूह । (दे०) हलदी की गंध । For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 1881 1882 1883 1884 1885 1886 1887 1888 1889 1890 1891 1892 1893 1894 1895 1896 1897 1898 1899 1900 1901 1902 1903 1904 1905 1906 1907 1908 1909 1910 1911 1912 1913 1914 1915 1916 1917 1918 1919 1920 1921