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बगरना १२१८
बगुला बगरना -अ० क्रि० स० दे० (सं० विकरण) | बगली-वि० दे० (हि० बगल+ई.–प्रत्य०) बिखरना, फैलना, छिटकना, छितराना। बगल संबंधो, बगल का, बगल की ओर
स. रूप-बगराना प्रे० रूप-बगरवाना। से । मुहा०-बगली घुसा-वह चोट जो बगरी -संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. बखरी) श्रोट में छिपकर या धोखे से की जाये । घर, मकान, बखरी, कुत्ते की मक्खी, (दे०) दरजियों के सुई तागादि रखने की थैली, दले हुये धान ।
तिलादानी । संज्ञा, स्त्री० कुरते आदि में कंधे बगरूरा*-संज्ञा, पु० दे० ( हि० बगूला ) के नीचे का भाग, बगल । वायु का चक्कर, बगूता ( उ०)। | बगलौहाँ-वि० (हि० बगल + औहां प्रत्य०) बग़ल-पंज्ञा, स्त्री० (फा० ) काँख, छाती तिरछा, बगल की ओर झुका हुआ। स्त्री० के दोनों ओर वाहु-मूल के नीचे के गढ़े,
बगलौहीं। पार्श्व, भोर । मुहा० - बग़ल में दबाना बगसना *-स० क्रि० दे० (हि० बख्शना) या धरना-अधिकार परना, ले लेना। बकसना, बख्शना, दान या पारितोषिक बग़लें बजाना-अति हर्ष प्रगट करना, | देना। अति प्रसन्नता मनाना। इधर-उधर या | बगहा-संज्ञा, पु. (दे०) बाग़, (फ़ा०), व्याघ्र किनारे का हिस्सा । मुहा०-बगलें | (सं०) बाघ । झाँकना-भागने का उपाय करना। बगहंस-संज्ञा, पु० (दे०) एक हंस विशेष । बगल गर्म करना-किसी की बगल में बगा, बागा*-- संज्ञा, पु० दे० (हि० बागा) प्रेम से मिलकर बैठना। पास या समीप का जामा । “बागो बनो जरपोस को तामैं " स्थान, कुर्ते आदि में बग़ल या कंधे के नीचे -देव० । * संज्ञा, पु० दे० (सं० वक) जोड़ का कपड़ा।
बगला। बगलगंध-संज्ञा, पु० यौ० ( फा० बग़ल + बगाना*-स० क्रि० दे० (हि. बगना का गंध हि० ) बग़ल से अति दुर्गधियुक्त पसीना द्वि० रूप ) घुमाना, फिराना, सैर कराना, निकलने का रोग, बगल का फोड़ा, कँखवार। टहलाना । अ० कि० (दे०) भागना, वेग से बग़लबंदी-संज्ञा, स्त्री० (फ़ा०) एक तरह की जाना । कुरती या मिरजई।
बगार-- संज्ञा, पु. (दे०) वह स्थान जहाँ गायें बगला-संज्ञा, पु० दे० (सं० बक-+ला-प्रत्य०) बाँधी या चराई जाती हैं, बगर, घाटी। लंबी चोंच, टाँगे और गला वाला एक श्वेत बगारना-स० क्रि० दे० (सं० वितरण ) पक्षी, बगुला, बक । स्त्री० बगली। (हि० बगरना का स० रूप) छिटकाना, फैलाना, मुहा०-बगला भगत-पाखंडी, ढोंगी, बिखेरना, बगराना, बगरावना (ग्रा.)। धर्मध्वजी. धोखेबाज, छली, कपटी । लो०- बगावत-संज्ञा, स्त्री. (अ.) बाग़ी होने का "बगला मारे पखना हाथ'-व्यर्थ भाव, राजद्रोह, बलवा, विद्रोह । परिश्रम करना, गरीब का मारना निष्फल है। बगिया*-संज्ञा, स्त्री. ( फा० बाग+ इयाबगलामुखी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (दे०) एक हि०प्रत्य०) छोटा बाग़ या उपवन, बाटिका। देवी ( तंत्र.)।
बगीचा- संज्ञा, पु० दे० (फा० बागवा ) बगलियाना-अ० क्रि० दे० ( हि० बगल + | छोटा उपवन या बाग, बागीचा । स्त्री. इयाना-प्रत्य० ) बग़ल से जाना. हटकर अल्पा०-बगीची, बागोची। चलना, एक अोर हटना । स० क्रि० -- अलग बगुर-संज्ञा, पु० (दे०) नाल, फाँसी। करना, बगल में करना या लेना (दबाना)। बगुला-संज्ञा, पु० दे० (हि०) बगला ।
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