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मरनि १३१७
भरांति आदि डालना, रिक्त पद की पूर्ति के लिये | होना, घबराना, भरभर शब्द करना, गिर नियुक्त करना चुकाना, देना, क्षति पूर्न या पड़ना, भडभड़ाना । ऋण-परिशोध करना । महा०-किसी। भरभेंट, भरभंटा -संज्ञा, पु. यौ० दे० का घर भरना - बहुत सा धन देना । (हि० भर । भेंटना ) मुठभेड़, सामना, किसी के कान भरना-चुग़ली करना । मुकाबिला । छिप कर बुराई या निंदा करना । मांग भरम --- संज्ञा, पु० दे० ( सं० भ्रम ) संदेह, भरना-विवाह में वर का कन्या की मांग
समान धोखा, संशय. रहस्य, भेद । मुहा०-भरम में सिंदूर लगाना । को भरना-नव वधू ।
न देना--भेद न बताना। भरम गवानाको श्राशीष के साथ नारियल श्रादि देना
भेद खोलना। "पापन भरम गँवाइ के, (रीति)। निबाहना, निर्वाह करना, सहना,
बाँट न लैहै कोय"-रहीम०।। झेलना, पोतना, लगाना. काटना, उपना ।
भरमनाwi-अ० क्रि० दे० ( सं० भ्रमण ) म० क्रि० खाली बरतन का किसी पदार्थ से घूमना फिरना, मारा मारा फिरना, भटकना, पूर्ण होना डाला जाना. मन में क्रोध होना भ्रम या धोखे में पड़ना, बहकना, चकराना। अप्रपन्न या असंतुष्ट रहना, घाव में अंगर संज्ञा, स्त्री० द० ( सं० भ्रम ) भूल, भ्रम, पाना या उसका पुरना, किसी अंग का !
धोखा, भ्रांति । स० रूप भरमाना, प्रे० रूपअधिक श्रम से पीड़ा करना, शरीर का हृष्ट
भरसघाना। पुष्ट होना, खाली न रहना, ऋण परिशोध
भरमाना-स० क्रि० (दे०) भटकाना, व्यर्थ, होना, तोपादि में गाली-बारूद होना । संज्ञा,
इधर-उधर घुमाना, भ्रम में डालना, हैरान पु. (दे०) रिश्वत, घुम, भरने का भाव।।
करना, बहकाना । अ० क्रि० (दे०) चकित
या हैरान होना। भरनि--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भरण) : भरमार-सज्ञा, स्त्री० दे० (हि. भरना - मार पोशाक, पहनावा ।
= अधिकता) बहुतायत, अधिकता। भरनी-संज्ञा, स्त्री० (हि. भरना ) करघा भरमीला-वि० द० ( सं० भ्रम ) संशयी, की ढरकी, नार (प्रान्ती.)। संज्ञा, स्त्री० दे० संदेही, भ्रमवाला। (सं० भर गो) अश्विनी श्रादि २७ नक्षत्रों में भरराना, भराना -- अ० कि० दे० (अनु०) से दूसरा नक्षत्र।
भहराना (दे०) अरराना, टूट पड़ना, भरर भरपाई-क्रि० वि० यौ० (हि० भरना - पाना) शब्द से गिरना। भली भाँति अच्छी तरह, पूर्ण रूप से, पूरा भरसक-क्रि० वि० यौ० (हि. भर =: परा+ पूरा पा जाना, चुकता होना। स०
किसक - पल ) यथाशक्ति, बलभर, जहाँ तक यो० (दे०) भरपाना-अभीष्ट से विरुद्ध हो सके। पस्तु मिलना (व्यंग्य, पूरा पूरा पाना। भरसन, भरसना -संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भरपूर वि० यौ० दे० (हि. भरना- पूरा )
भर्त्सना) डाँट फटकार, ताड़ना। पूरा पूरा या सब प्रकार से भरा हुआ,
भरसाई .. संज्ञा, पु० दे० (हि० भाड़) भाड़ । परिपूर्ण, पूरी तरह । कि० वि०-भली भाँति,
। भरहरा--संज्ञा, पु० (दे०) भरभर शब्द के पूर्ण रूप से।
साथ गिरना । मुहा०-भरहरा खाकर ।
भरहरना, भरहराना-अ० कि० दे० हि० भरभर-संज्ञा, पु. (दे०) जन-समूह का। भरहराना) भर भराना, टूट पड़ना।। शोर अव्यवस्था, भीड़।
भराँति-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० भ्रांति) भरभराना-म० क्रि० दे० (अनु०) रोमांच भ्रांति, भ्रम ।
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