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रुदित
रुमाली रुदित-संज्ञा, पु०, वि० (सं०) रोदित, रोता रुद्राणी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) पार्वती, दुर्गा, हुमा।
भवानी, रुद्रजटा नामक औषधि लता। रुद्ध-वि० (सं०) वेष्टित, घिरा या मुँदा रुद्रावास-संज्ञा, पु० (सं०) शिव-निवास, हुघा, श्रावृत्त, बंद, रोका हुश्रा, जिसकी | काशीपुरी। गति रुकी हो। यौ०-रुद्ध कंठ-जिसका | रुद्रिय-वि० सं०, आनंददायी, रुद्र-संबंधी। गला भर भाया हो, जो बोल न सके। रुद्री-संज्ञा, स्त्री० (सं० रुद्र - ई-प्रत्य०) "भोगीव मंत्रौषधि-रुद्ध-वीर्य ".-- रघु० । वेद के रुदानुवाक या अघमर्षण सूक्त की रुद्र-संज्ञा, पु० (सं.) शिव जी का एक रूप, ग्यारह श्रावृत्तियाँ ( वेद०)। ११ रुद्रगण, देवता, रौद्र रस, ११ की संख्या। रुधिर-संज्ञा, पु० (सं०) रक्त, लोहू, खून । वि०-भयंकर, भयानक । । रोपि रन रुद्र रुधिराशी-वि० यौ० (सं०' रक्त पीने वाला।
श्री विजै की लहिबो चहौ".--१० व० ! | रुनझुन- संज्ञा, स्त्री० (अनु०) पायजेब या रुद्रका-संज्ञा, पु० दे० (सं० रुद्राक्ष रुद्राक्ष। घघुरू का शब्द, झनकार, कलरव ।। रुद्रगण-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) शिव जी के | रुनित* - वि० दे० (सं० रुणित ) बजता सेवक या पारिषद् , भूतगण (पुरा० ), | हुआ। ११ रुद्रों का समूह ।
रुनी-संश, पु० (दे०) घोड़े की एक जाति | रुद्रजटा-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) एक क्षुप । | रुनुक-झुनुक - संज्ञा, स्त्री० (अनु०) रुनझुन । रुद्रट-संज्ञा, पु. (सं०) संस्कृत के काव्या- रुपना-अ. क्रि० दे० (हि. रोपना का लंकार ग्रंथ के निर्माता एक प्रसिद्ध कवि अ० रूप ) रोपा जाना, पृथ्वी में गाड़ा या और प्राचार्य ।
लगाया जाना, थड़ना. डटना, जमना, रुद्रतेज-संज्ञा, पु० यौ० (सं० रुद्रतेजस )
रुकना। षडानन, कार्तिकेय ।
रुपया, रूपया-- संज्ञा, पु० दे० (सं० रूप्य ) रुद्रपति- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) रुद्राधिपति, रुपैय्या (दे०), चाँदी का एक बड़ा सिक्का शिवजी।
जो सोलह आने का होता है ( भारत ), रुद्रपत्नी-संज्ञा, स्त्री० यौ० (५०) दुर्गा जी । धन संपति : रुद्रयामल - संज्ञा, पु० (सं०) भैरव भैरवी का रुपहला-वि० द० ( हि० रूपा ) चाँदी का संवाद-ग्रंथ ( तांत्रिक)।
सा, चाँदी के रंग का, श्वेत । स्त्रो०--- रुद्रलोक-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शिव का रुपहली । निवास-लोक।
रुबाई---संज्ञा, स्त्री० (अ.) एक छद (पिं०) । रुद्रपंती-संज्ञा, स्त्री. ( सं० रुद्रवती) एक रुमंच *--संज्ञा, पु० दे० (सं० रोमांव ) प्रसिद्ध दिव्य बनौषधि, रुदंती, रुदवंती रोमांच, पुलकावली । (दे०)।
रुमन्वान-संज्ञा, पु. (सं०) एक प्राचीन रुद्रविंशति-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) रुद्रवीसी, | __ ऋषि, एक पहाड़। प्रभवादि साठ संवत्सरों में से अंतिम बीस रुमांचित*-वि० ० यौ० (सं० रोमांचित) संवत्सर ।
रोमांचित । रुद्राक्रीड-संज्ञा, पु० (सं०) श्मशान । | रुमाल-संज्ञा, पु० (अ०) रुमाल । रुद्राक्ष-संज्ञा, पु० (सं०) एक बड़ा पेड़, उसके रुमाली-संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० रूमाल ) फलों की गुठिलियाँ जिनकी माला शैव एक तरह का लँगोटा या छोटी साफी, लोग पहनते हैं।
अंगौछी।
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