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सभापति
भवन, मजलिस की जगह, बहुत लोगों के साथ बैठने का स्थान, सभा घर, सभासद्म, सभा-सदन । सभापति - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सभा का प्रधान नेता, सभा का मुखिया, प्रेसीडेंट, चेअर मैन ( अं० ) | संज्ञा, पु० (सं० ) सभापतित्व ।
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सभासद - संज्ञा, पु० (सं०) सदस्य, सामाजिक, किसी सभा में सम्मिलित हो भाग लेने वाला मेम्बर ( श्रं०) । सभिक संज्ञा, पु० (सं०) जुआ खेलने वाला, जुना का प्रधान |
सभीत - वि० (सं० ) समय भयभीत, डरा हुआ ।
सभ्य - संज्ञा, पु० (सं०) सदस्य, सभासद, सामाजिक, मेम्बर, उत्तम विचाराचार या व्यवहार वाला, भला मानुष, शिष्ट, शाइस्ता सभ्यता - संज्ञा, स्त्री० (सं०) सभ्य होने का सामाजिकता, भाव, सदस्यता, और सज्जन होने की यवस्था, भलमनसाहत. शिष्ठता, शराफ़त, झाइश्तगी । समंजस - वि० (सं०) उचित, ठीक । " सबै समंजस श्रहै सयानी "-- रामा० । संज्ञा, पु० (दे०) असमंजस ।
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समंत - संज्ञा, पु० (सं०) सीमा, सिरा, हद, किनारा, शूर- सामंत |
समझना
पु०
ही आप हिल जाता है, एक अर्थालंकार जिसमें योग्य पदार्थों का मेल या संबंध कहा जाय ( काव्य ) | संज्ञा, पु० ( अ० ) विष, गरल, ज़हर | संज्ञा, स्रो० - समता, साम्य । समकक्ष - वि० यौ० (सं०) तुल्य, एक कोटि का, समान, बराबर | संज्ञा, स्त्री० समकक्षता । समकटिबंध - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शीतकटिबंध और उष्ण कटिबंध के बीच का भूखंड | समकालीन - वि० यौ० (सं०) (दो या कई ) जो एक ही समय में हों, एक ही समय वाले, समसामयिक | समकोण - वि० यौ० (सं०) वह कोण जो नव्ये श्रंश का हो समान कोने 1 यौ० - समकोण त्रिभुज, समकोण चतुर्भुज । समक्ष -- अव्य० (सं०) सामने, सम्मुख, सन्मुख | संज्ञा, स्त्री० - समक्षता । "समक्षं -भा० द० । समागम - वि० (सं०) समान, बराबर, तुल्य । समग्र - वि० (सं०) पूर्ण, समस्त, सब, कुल, सम्पूर्ण, सारा, पूरा ।
समचतुर्भुज - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) वह चतुर्भुज क्षेत्र जिसकी चारों भुजायें तुल्य हों ( रेखा० ) ।
समचर - वि० (सं०) एक सा या समान, थार-व्यवहार करने वाला, एक सा श्राचारविचार करने वाला, समचारी (दे० ) । समाज्या - संज्ञा, स्त्री० (सं०) सभा, समाज, गोष्टी, यश, कीर्ति ।
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समंद - संज्ञा, पु० ( फा० ) घोड़ा, अश्व । "कुदावें लुल अज़मियों के समंद - स्फु० । समंदर, समुंदर - संज्ञा, पु० दे० (सं० समुद्र ) समुद्र, सागर (फ़ा० ) । एक कीड़ा । "समंदर र आग में जीव कीड़ा ख़ा० बा० । सम... वि० (सं०) तुल्य, बराबर, समान, सदृश, सब, सारा, कुल, नमाम, जिसका तल बराबर या चौरस हो, चौरस, वह संख्या जो दो पर पूरी पूरी बँट जावे जूस । "उमा राम-सम हितु जग माहीं ' - राम० । संज्ञा, पु० - संगीत में वह स्थान जहाँ गाने-बजाने वालों का सिर या हाथ आप
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पश्य मे मुखम् ' सुशिक्षित
समझ - संज्ञा, सी० (दे०) ज्ञान, बुद्धि, सामुझि (दे० ) ।
समझदार - वि० दे० ( हि० समझ + दारफा० ) बुद्धिमान्, अक्लमन्द, ज्ञानी । संज्ञा, स्त्री० - समझदारी । समझना - अ० क्रि० ( हि० समझ ) ध्यान या विचार में लाना, बूझना, सोचना | यौ० - समझना बूझना | स० रूपसमझाना, प्रे० रूप- समझवाना ।
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