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अगिया ।
सीधापन
१७७४
सीय, सीया सीधापन-संज्ञा, पु० दे० (हि० सीधा+पन | सीमंतिनी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नारी, स्त्री।
-प्रत्य० ) सिधाई, सीधा होने का भाव, | सीमंती-संज्ञा, स्त्री० (सं०) नारी, स्त्री। सरलता, ऋजुता।
सीमतोन्नयन-- संज्ञा, पु. यौ० (सं०) द्विजों सीधे-कि० वि० दे० (हि. पीधा ) बिना के १० संस्कारों में से तीसरा संस्कार जो कहीं रुके या मुड़े, बराबर, सामने, लगातार
प्रथम गर्भाधान से चौथे, छठवें, या वें सम्मुख को दिशा में, सम्मुख, नरमी से,
मास में होता है। शिष्ट व्यवहार से।
सीम- संज्ञा, पु० दे० (सं० सीमा) सीमा, सीना-स. क्रि० दे० (सं० पीवन ) कपड़े
हद । सीव, सीउ (दे०)। "कौरव-पांडव या चमड़े आदि के दो टुकड़ों का सुई
जानवी, क्रोध छिमा की सीम"-नीतिः । धागा के द्वारा आपस में मिलाना, टाँकना,
मुहा०-सीम चरना (काँडना)-दबाना, टाँका मारना । यौ० -- सीनाजोरी-ढिठाई
जबरदस्ती करना, अधिकार या प्रभुत्व ज्यादती, विरोध, हुजत । मुहा०-सीना
जताना। ज़ोरी करना-ज़बरदस्ती या मुकाबिला
सीमांत-संज्ञा, पु. (सं०) सीमा का अंतकरना । लो०-"चोरी और सीनाजोरी" ।
स्थान, सरहद । यौ०-सीमांत-प्रदेशसंज्ञा, पु० दे० (फ़ा० सीन ) छाती वक्षस्थल ।
सीमा पर का प्रदेश या प्रान्त, भारत की सीनाबंद - सज्ञा, पु० (फा०) अांगा, चोली,
पश्चिमोत्तर सीमा का एक प्रान्त, पश्चिमोत्तर प्रान्त ।
मीमा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) सीम, सीवा, हद, सीप . संज्ञा, पु० दे० (सं० शुक्ति) सीपी,
मर्यादा, किसी वस्तु या प्रदेश के विस्तार सितुही, घोंघे या शंख की जाति का एक
का अंतिम स्थान, सरहद, कोटि, अंतिम कड़े अवरण में रहने वाला जल का कीड़ा,
स्थाना, अंत, माँग । मुहा०-सीमा से इसका सफ़ेद चमकीला और कड़ा प्रावरण
बाहर जाना (लाँघना, उल्लंघन करना) या सूती, जिसके बटन बनते हैं, तालाब
-~-उचित से अधिक बढ़ जाना । सीमा में मादि की सीपी का संपुर।
(के अन्दर) रहना-अपनी मर्यादा के सीपज - संज्ञा, पु० दे० (स० शुक्तिज) मोती।
अन्दर रहना। सीपति-संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० श्रीपत्ति) सीमाव-संज्ञा, पु. (फा०) पारा। श्रीपति विष्णु ।
सीमाबद्ध- संज्ञा, पु. यौ० (सं०) हद या सीपर-संज्ञा, पु० दे० (फ़ा० सिपर) ढाल । सीमा से घिरा, मर्यादा के भीतर, हद के सीपमुत-संज्ञा, पु० दे० यौ० (स० शुक्तिसुत) अंदर। संज्ञा, स्त्री०-सीमा-बद्धता । मोती, सीपात्मज, सीपतनय। सीमोल्लंघन-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) हद सीपिज- संज्ञा, पु० दे० (सं० शुक्तिन ) से बाहर चला या फाँद जाना, विजय-यात्रा, मोती।
सीमाति क्रमणोत्सव, माद के प्रतिकूल सीपी-संज्ञा, स्रो० दे० (सं० शुक्ति) सीप। या बाहर काम करना, सीमा का उल्लंघन सीबी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( अनु० सीसी) करना या लाँघ जाना। सीत्कार, सिसकारी, सीसी शब्द । सीय, सीया-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० सीता) सीमंत---संज्ञा, पु० (सं०) स्त्रियों की मांग, | जानकी जी, सीता जी। "सीय विवाहब हड्डियों का जोड़ या संधि-स्थान, सीमंतो- राम"-रामा० । “रामहि चितव भाव जेहि नवन संस्कार।
सीया"- रामा०।
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