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वापस
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वारणावत
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या १६ मात्राों के छंदों का एक भेद | वामावर्त्त- वि० यौ० (सं०) बाई श्रोर का (पि.)।
धुमाव या भौंरी, बायीं ओर से प्रारंभ होने वापस-वि० (फा०) लौटाया या फेरा हुआ, | वाली प्रदक्षिणा। (विलो०-दक्षिणावर्त)। फिरता।
वाय-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० वायु ) बाई, पापसी-वि० ( फ़ा. वापस ) फेरा या लौटा बादी, बाय (दे०) । “नाग, जलौका, हुआ, वापस होने के संबंध का । संज्ञा, स्त्री० वाय"--कु.। लौटने की क्रिया का भाव, प्रत्यावर्तन वायव्य-वि० (सं०) वायु-सम्बन्धी । संज्ञा, पापिका, वापी-- संवा, स्त्री. (सं०) छोटा पु० -- उत्तर-पश्चिम का कोण. पश्चिमोत्तर जलाशय बावली, बापी (दे०)। "बन-बाग, / दिशा. एक अस्त्र । उपवन, वाटिका, सर, कूप, वापी मोहहीं" | वायस---संज्ञा, पु० (सं०) काक, काग, कौश्रा, -रामा।
बायस (३०) । "वायस पालिय अति वाम-वि० (सं०) बाम (दे०), बायाँ ।
अनुरागा' -रामा० । (विलो०-दक्षिण )। विरुद्ध. विपरीत,
घायु--संज्ञा, पु० (सं०) पवन, हवा, बात । प्रतिकूल, कुटिल, खल. दुष्ट । “जनक | "टूटै टूटनहार तरु, वायुहि दीजै दोष"-- घाम दिसि सोह सुनैना"... रामा० । संज्ञा,
राम। पु० .. ११ रुद्रों में से एक रुद्र, वामदेव,
वायुकोण --संज्ञा, पु० यौ० (सं०) पश्चिमोत्तर कामदेव, धन, वरुण, २४ वर्णों का एक दिशा, वायव्य कोण । वर्णिक छंद (पिं०. मकरंद, मंजरी. माधवी, । वायमंडल --- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) पृथ्वी के स्त्री। संज्ञा, स्त्री० -- धाता - कुटिलता। चारों ओर ४५ मील ऊपर तक हवा का वामकी-संज्ञा, पु. (सं०) जादूगरों की एक गोला. धाकाश, अंतरिक्ष ।
देवी। वामदेव--संज्ञा, पु० (सं०
वायुलोक-- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक लोक महादेव, शिव, .
। (पुरा०), आकाश। एक वैदिक ऋषि । " वामदेव, वसिष्ठ मुनि |
वारंवार-व्य० यौ० (सं०) बार बार, पुनः पाये"-रामा। वामन-वि० (सं०) बौना, नाटा, छोटे शरीर |
पुनः, फिर फिर, लगातार । का, ह्रस्व, खर्व, बावन (दे०)। " ह्रस्वः ।
वार--संज्ञा, पु० (सं०) रोक, द्वार, दरवाजा, खर्वः तु वामनः '' - अमर० । संज्ञा, पु.
आवरण, 'अवसर, मरतबा, दाँव, बारी, (सं०) विष्णु, शिव जी, एक दिग्गज, राजा
दफ़ा, बेरी, बेर, क्षण, दिन, दिवस । “जात बलि के छनने को विष्णु का पंचमावतार,
न लागी वार"... रामा० । 'एक वार १८ पुराणों में से एक पुराण । 'प्रॉशुलभ्ये |
जननी अन्हाए” -रामा० । संज्ञा, पु० (सं०) फले लोभादुद्दाहुरिव वामनः "-रघु० ।
भाघात, चोट थाक्रमण, धावा, हमला । वाममार्ग-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक तांत्रिक |
वारण संज्ञा, पु० (सं०) निषेध, किसी काम मत, जिसमें मद्य-मांसादि का प्रचार है।
के न करने का आदेश, रोक, मनाही, वाममार्गी-वि०, संज्ञा, पु० (सं० वाम |
कवच, वाधा, हाथी! “वारण वाजि सहय" मागानुयायी।
--राम छप्पय का एक भेद, बारन (दे०)। पामा- संज्ञा, स्त्री० (सं०) स्त्री, औरत, दुर्गा | वि०-वारित, वारक, वारणीय । जी बामा (दे०), १० वर्णों का एक "बारन उबारन में बार न लगाई है"वणिक छंद (पिं०) । “जो हठ करहु प्रेमवश
रत्ना। वामा"-रामा०॥
वारणावत--संज्ञा, पु० (सं०) प्राचीन काल
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