________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
1
www.kobatirth.org
शकुंत ता
|
शकुंतला -संज्ञा, स्त्री० (स० ) मेनका अप्परा की कन्या और राजा दुष्यंत की रानी और सुविख्गत राजा भरती माता, एक नाटक | शकुन - सज्ञा, ५० (सं०) किसी काय.दि के समय ऐसे लक्षण जो शुभ या अशुभ माने जाते हैं, शुभ सूचक चिन्ह, सगुन (३० ) ! विलो०-अपशकुन, असगुन । मुहा०--- शकुन विचारना या देखना- किसी कार्य के होने या न होने के विषय में लक्षणों या तत् सूचक चिन्हों के द्वारा निर्णय करना. शुभ घड़ी या मुहूर्त या उस घड़ी का कार्य, पक्षी ।
शकुनशास्त्र - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) शुभाशुभ शकुनों तथा उनके फलों की विवेचना का शास्त्र, शकुनविज्ञ न । शकुनि · संज्ञा, पु० (सं०) पत्री, पखेरु, चिड़िया, हिरण्याक्ष का पुत्र एक दैत्य, कौरवों के विनाश का हेतु और उनका मामा तथा दुर्योधन का मन्त्री, शकुनी, सकुनि । शकुल - सज्ञा, पु० (स० ) मछली विशेष | शकृत -- सज्ञा, पु० (सं०) मल, पुरीष, विश ! शक्कर - संज्ञा, स्रो० दे० (सं० शर्करा फा० शकर) चीनी, खाँड, कच्ची चीनी, सक्कर (दे० ) ।
शकरी - संज्ञा, खो० (सं०) चौदह वर्णों के छन्द या वृत्त ( पिं० ) ।
शक्की - वि० (अ० शक | ई + प्रत्य०) शक या संदेह करनेवाला. प्रत्येक बात या विषय में शक करने वाला, संशयात्मा । शक्तः - सज्ञा, पु० (सं०) शक्ति युक्त समर्थ. योग्य
---
१÷२५
शकसुत. शक्रसुवन
तथा तद्बोधक शब्द का संबंध ( न्याय० ), माया की पीठ की अधिष्ठात्री देवी, दुर्गा, भगवती, लक्ष्मी, गौरी, सरस्वती, एक शत्र साँग, तलवार, बर्डी, शक्ती (दे०) । शक्तिवर, शक्ति-संज्ञा, पु० (सं०) षडानन, सर्त्तिकेय |
शक्तिपूजक संज्ञा, पु० यौ० (सं०) वाम मार्गी शाक, तत्रिक, शक्युपासक । शक्तिपूजा संज्ञा स्त्री० यौ० (सं०) शक्ति या देवी की शक्तीविधि से पूजा, वाममार्गियों द्वारा ( तंत्रमंत्रादि विधान से ) देवी का पूजन, शक्तयार्चन । शक्तिमत्ता -- संज्ञा, स्त्री० (सं०) शक्तिमान् होने का भाव, बलिष्टता, सामर्थ्य | शकान् वि० (सं० शक्तिमत्) बली, बलवान् बलिष्ठ स्त्री० - शक्तिमती । शक्तिशाली - वि० ( सं० शक्ति शालिन )
शक्ति-संज्ञा, स्रो० (सं०) बल, ताकत, सामर्थ्य, सक्ति, सक्ती, सकति (दे०) पौरुष, पराक्रम, जोर कूवत वश, प्रभावात्पादक बल, अधिकार, शत्रुओं पर विजयी होने के सेना धन आदि राज्य के साधन तथा सैन्यकोषादि इन यथे साधनों से युक्त बड़ा और पराक्रमी राज्य या राजा, प्रकृति, किसी पदार्थ भा० श० को ०
१०- २०४
--
-
-
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बलवान ।
शक्तिहीन - वि० यौ० (सं० ) निर्बल, बलहीन असमर्थ, नपुंपक, नामर्द, शक्तिरहित, शक्ति-विहीन | खज्ञा, स्त्रो० - शक्ति हीनता । शक्ती-संज्ञा, पु० दे० (सं० शक्ति ) १८ मात्राओं का एक मात्रिक छंद (वि०), बर्डी, देवी, बल सामर्थ्य |
For Private and Personal Use Only
शक्तु - सज्ञा, पु० (सं०) सत्तू सतुझा (ग्रा० ) । शक्य - वि० (सं०) क्रियात्मक, संभव, किया जाने योग्य होने योग्य, शक्ति-युक्त । संज्ञा, पु० सं०) शब्द शक्ति से प्रकट होने वाला अर्थ (व्याक०) सज्ञा, स्त्री० - शक्यता ---क्रियात्मिकता, योग्यता, क्षमता । शक संज्ञा, पु० (स० ) ६ मात्राधों वाले गण का चौथा भेद (पिं०), इन्द्र | "जहार चान्येन मयूरपत्रिणा शरेण शक्रस्य महाशनिध्वजम् " - रघु० ! शक्रप्रस्थ- संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) इन्द्रप्रस्थ, दिल्ली ।
शक्रमुत, शक्रसुवन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०)