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का) मुँह बंद कर देना ---उसे बोलने न किसी का मुंह तकना-कुछ पाने के ऐना, निरुत्तर कर देना । मह में पानी भर । लालच से मह देखना, विवश या चकित माना-लोभाना, ललचाना । मैंह में होकर देखना, सिहाना प्राशा रख सहायता लगाम न होना-मनमानी बातें कहना। या सहारे का आसरा रखना। मह ताकनामुंह लटकना---उदाप या लज्जित होना।। ललचाना, चकित होना, आशा या भरोसा मुंह सीना (मह में ताला लगाना )- रखना, निकरमा होकर चुप बैठे रहना, पाशा सुपचाप रहना, कुछ न कहना या बोलना। रखना । मह देखत था ताकत रह जाना के मुंह का होना-- बहुत सीधा होना । । -अाशा लगाये रहना और फिर हताश मुंह सूखना -- बहुत प्यास लगना, गले । होना, विवश या चकित होकर रह जाना । या बीभ में काँटे पड़ना या रोग के मारे । मह न दिखाना--संमुख या सामने न गया सूखना। मह में ताला पड़ना, आना। मह दिखाने योग्य न रहनालगाना (डालना) -बलात् कुछ बोलने अति लज्जित होना। मह देखकर बात पदेना । मह मे दूध टपकना (चूना)- कहना (करना - खुशामद करना । बहुत अजान बालक होना । मुंह लटकाना मह देखी करना-लिहाज या मुरव्वत से (फुलाना-असंतुष्ट या रुष्ट हो मह का पक्षपात या अयोग्य (अन्याय ) करना । विकृत करना, गाल-मह कुलाना , किसी का मुंह देखना ( ताकना )मुंह उठाना--विरोध करना सामने लड़ाई सामना करना, चकित होकर देखना, सम्मुख को तैयार होना, सामना करना । मुह से जाना, आशा लगाना, लिहाज या मुरव्वत निकलना-कुछ कह बैठना । ह से करना । मह धा रखना-निराश या निकालना---कहना मह मे काल झड़ना नाउम्मेद हो जाना । मुंह पर-सामने, (गिरना )- अति मधुर और प्रियवचन संमुख, प्रत्यन । मह में (पर) न लानाबोलना । मह का मोठा-- मधुर और प्रिय न कहना, चर्वा न करना । मह पर या मह बोलने किन्तु अन्दर कपट रखने वाला। मे बरसना-चेहरे या प्राकृति से प्रगट मस्या, भाँख, ना 6. वान और गाल वाला, होना । गाल-अँह फुलना या फुला कर सिर का भाग, चेहरा । मुहा० -- अपना बेटना-चेहरे या प्राकृति से क्रोधित या मुंह काला करना--पाप या व्यभिचार असंतुष्ट, अप्रसन्न प्रगट होना। मह की करना, जुरा काम करना, अपना बदनामी श्रोर ताकना-प्राशा लगाना. श्रासरा करना । मुंह काला होना-कल कित देखना या करना। मुंह फेंकना-मह झुलहोना । दूसरे का महा काला करना- साना या जलाना, मह में भाग लगाना, वाहत्यागना, बदनाम या कलंकित करना, उपेक्षा कर्म करना (गाली)। मह धोकर आनासे हटाना, बदनाम करना। मुंह की खाना निराश होना । किसी के भह लगना-अनादर होना. दुर्द-शा कराना, मह तोड़ हुज्जत, प्रश्नोत्तर या वाद विवाद करना, बवाब सुनना, हार जाना । मुह न देखना उद्दड बनना, बढ़ बढ़ कर बातें करना । -प्रति घृणा से त्याग देना, भेट न होना। मुंह लगाना सिर चढ़ाना उद्दड या पृष्ट मुह के बल गिरना-धोखा या ठोकर बनाना । मुह सूखना-लज्जा या भय से साना, हानि उठाना । मह छिपाना चेहरे की कांति, तेज या प्रताप चला जाना। (घुराना)-शरम के मारे सामने न श्राना, प्यास से गला सूखना। किसी वस्तु का ऊपरी किसी काम से दूर भागना, उसे न करना। छेद छिद्र, बिवर, लिहाज़, मुरव्वत । मुंह
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