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बस्तु, बस्तू १२४५
बहरी की तू बस्ती रखे तेरा भी है बस्ता पुरा"। अधिक या यस्ता मिलना, गर्भ गिरना, नष्ट घर बना कर रहने का कार्य या भाव। । होना, डूब जाना ( रुपया श्रादि ) खींच बस्तु-बम्तू- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वस्तु ) या लाद कर ले चलना चलना, निर्वाह पदार्थ द्रव्य, चीज ।
करना, धारण या बहन करना, उठना बस्माना—कि० अ० दे० ( हि० वास ) मारा मारा फिरना, पानी की धार के साथ दुर्गधि देना बनाना
चलना, धार या बंद के रूप में निकल बहग'-बँहिंगी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० चलना. सवित होना स० रूप वहाना । विहगिका ) बोझ ले जाने को तराजू जैसी मुहा०----बहनी गंगा में हाथ धोनाचीज़, काँवर, काँवरि । संज्ञा, पु०-हिंगा । जिपसे लोग लाभ उठा रहे हों उससे लाभ बहाना-क्रि० अ० दे० ( हि० बहना ) सही उठाना। रास्ते से भूल कर अन्य ओर जाना, बहनाण ज्ञा, पु. (हि० बहिन + आपा भटकना, भूलना, चुकना भुलावे में -प्रत्य० ) बहिन का संबंध या नाता। श्रा जाना धोखा खाना, बहलना ( बच्चों | बहान, बानी-संज्ञा, स्त्री. (दे०) प्रवाह, का ) किसी कार्य या बात में पड़ कर बहना अनुजा बहिन, बहिनी। शान्त हो जाना मद या रस में चूर होना, बहना* --- संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० वह्नि) आपे में न रहना, ठीक लघय से धन्यथा, आग, अग्नि जाना । मुहा०-बहकी बहकी बातें बहनु* संज्ञा, पु० दे० (सं० वहन, वाहन, करना-उन्मादी की सी बातें करना, सवारी। चढ़ी-बढ़ी या भुलावे की बातें करना। बहनेती-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० वहिन ) स० रूप-नद काना, प्रे० रूप-नहकवाना । बहिन से संबंध वाली। बहकाना-स० कि० (हि. बहकना ) सही
बहनोई --- संज्ञा, पु० दे० ( सं० भगिनी-पति) स्थान, लक्ष्य या मार्ग से दूसरी ओर ले
बहिन का पति, जीजा (प्रान्ती.)। जाना या कर देना, भुलवाना बहलाना,
बहरा-बहिग--वि० दे० ( सं० वधिर ) जिसे भरमाना. फुपलाना. बातों से शांत करना।
कम या कुछ न सुनाई दे । स्त्री० बहिरी, बहकाव-हकावट --संज्ञा, स्त्री० (हि.
बहरी । संज्ञा, पु. बहरापना। बहकोना ) बहकाने का भाव । बहतोल*-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. बहता
बहराना-महाना--स० क्रि० दे० (हि. बह+ल-प्रत्य० । पानी बहाने की छोटी
राना या बहलाना) दुःख, चिंतादि के भुलवाने नाली, बरहा।
वाली मनोरंजक बातें कहना, फुपलाना. बहन-बहान-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० भग्नी )
भुलाना बहकाना। "कछु बहराइ लगे बहिन । संज्ञा, स्त्री. ( हि० बहना ) बहना
कछुक सराहनि से"-रना । क्रिया का भाव ।
बहरियाना स० क्रि० दे० (हि० बाहर+ बहना-क्रि० अ० दे० ( सं० वहन ) प्रवाहित इयाना प्रत्य०) निकालना. जुदा या विलग होना, पानी श्रादि द्रव वस्तुओं का किसी | __ करना, बाहर करना । कि० अ० (दे०)ओर जाना. हटना. दुर होना, कुमार्गी या जुदा या अलग होना, निकलना। आवारा होना. फिसल जाना, बिगड़ना, बहरी-संज्ञा, स्त्री० ( अ० ) सामुद्रीय बाज वायु का चलना, स्थान या लक्ष्य से सरक जैश एक शिकारी पक्षी। वि. स्त्री० (दे०) जाना, अड़ाना ( पशुओं का ) बुरा होना, | बधिर ।
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